रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल (RAIPUR NEWS) ने विदेश से पढ़कर आए चिकित्सकों का पंजीयन करने से इन्कार कर दिया है। ऐसे में प्रैक्टिस से वंचित इन चिकित्सकों को आगामी दिनों में नीट पीजी की परीक्षा से भी वंचित होना पड़ जाएगा। पंजीयन के लिए महीनों भटक कर थम चुके छात्रों ने अंतत: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से गुहार लगाई है।
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महीनों से भटक रहे सैकड़ों चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री से की है शिकायत
डा. तुलिका चंद्राकर, डा. एके साहू, डा. देवेंद्र साहू, डा. प्रशांत कुमार वर्मा, डा. जितेंद्र कुमार साहू, डा. प्रियंका मंडल, डा. अदिति गुप्ता, डा. दीक्षा कौशिक, डा. प्रीतिश चंद्राकर, डा. खुशबू ने बताया कि विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई कर भारत लौटकर एफएमजीई (फारेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन) की परीक्षा में सफल रहे। छत्तीसगढ़ के इंटर्नशिप भी पूरा कर लिया है। सभी योग्यता व पात्रता के मापदंडों को पूरा करने के बाद भी उन्हें सीजीएमसी में पंजीयन नहीं मिल पा रहा है।
फर्जी पंजीयन को लेकर विवाद में
बता दें फर्जी चिकित्सकों के पंजीयन को लेकर सीजीएमसी विवादों (RAIPUR NEWS) में है। कुटरचित दस्तावेज के आधार पर काउंसिल ने कुछ लोगों के फर्जी पंजीयन कर दिए। राष्ट्रीय स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने काउंसिल में कई दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिया है। और जांच कर रही है। फर्जीवाड़े में फंसे विभाग अब विदेश से पढ़े चिकित्सकों का पंजीयन नहीं कर रहा है। जबकि उन्हें परीक्षण कर पंजीयन करना है। यह चिकित्सक राज्य के स्थानीय निवासी है।
भारतीय चिकित्सा छात्र संघ संयोजक डा. विनय वर्मा ने कहा, काउंसिल ने छह वर्षों (RAIPUR NEWS) तक मेडिकल की पढ़ाई कर एफएमजी परीक्षा पास करने व इंटर्नशिप पूरा हाेने के बाद भी पंजीयन से मना कर दिया गया है। यह सैकड़ों चिकित्सक राज्य के स्थानीय निवासी हैं। पंजीयन को लेकर कांउसिल से चर्चा हुई। अधिकारी सीधे जवाब नहीं दे रहे हैं। शासन से कार्रवाई की मांग की गई है।