दिल्ली। तुर्कीये और सीरिया में आए भूकंप (Parafield Hospital) ने भारी तबाही मचाई हुई है। अब तक भूकंप से मरने वालों की संख्या 28000 के पार हो चुकी है। दोनों देशों की मदद के लिए दुनिया के कई देश आगे है। इसी कड़ी में भारत भी शामिल है।
भारत ने हर समय आपदा से प्रभावित होने वाले किसी भी देश में, संकट में, युद्ध में सबसे पहले मदद पहुंचाई है। भारत में जरूरी सामान के साथ राहत बचाव के टीम तुर्कीये और सीरिया में भेजी है। भारतीय सेना का 60 पैराफील्ड अस्पताल की यूनिट ने तुर्कीये और सीरिया के भूकंप से बचे लोगों की नि:स्वार्थ सेवा के लिए दुनिया भर से सराहना प्राप्त की है। भारत की यह मेडिकल यूनिट निरंतर दोनों देशों में फंसे लोगों को लगातार मदद पहुंचा रही है।
कोरिया युद्ध में भी देवदूत बन कर की थी मदद
भारतीय सेना की 60 पैराफील्ड हॉस्पिटल (Parafield Hospital) की यूनिट पहली बार सुर्खियों में नहीं है बल्कि वह इससे पहले भी विभिन्न देशों में संकट के दौरान सेवा दे चुके हैं। भारत की यह मेडिकल यूनिट ने 1950 से 1954 के बीच कोरिया युद्ध के समय में वहां देवदूत बनकर काम किया था। मेडिकल यूनिट ने कोरिया युद्ध के समय 2 लाख से अधिक लोगों का इलाज किया था। कोरिया युद्ध के दौरान भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का समर्थन किया था इसके तहत भारतीय सेना की एक मेडिकल यूनिट 60 पैराफील्ड अस्पताल की तैनाती की गई थी। जिसकी कमान लेफ्टिनेंट कर्नल एजी रंगराज ने संभाली थी।
अमेरिका और कोरिया से टीम को मिले थे प्रशस्ति पत्र
यूनिट को अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेना प्रमुखों की ओर से प्रशस्ति पत्र (Parafield Hospital) और उनके मूल गठन के लिए प्रथम राष्ट्रमंडल डिवीजन से प्रशस्तियां भी प्रदान की गई थी।ऑपरेशन दोस्त के तहत भारत ने तुर्की और सीरिया में भूकंप राहत प्रयासों के लिए बचाव कर्मियों, आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों को लेकर छह विमान भेजे हैं। भूकंप प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए तुर्की के हटे में स्थापित भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल ने गुरुवार को काम करना शुरू कर दिया है।