कोरबा। प्रदेश में एक के बाद एक निजी सेक्टर के पावर कपंनियों (KORBA NEWS) की वित्तीय स्थिति खराब होती जा रही है। प्रदेश में 20 हजार करोड़ की लागत से प्रस्तावित 5655 मेगावाट क्षमता वाले छह पावर प्लांट का काम बंद कर दिया गया है। 2022 दिसंबर तक इन पावर प्लांटों से बिजली का उत्पादन होना था।
प्रदेश को इन प्लांटों से करीब 1100 मेगावाट बिजली मिलनी थी। कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा जिले में 2015 से लेकर 2020 के बीच कई पावर कंपनियों (KORBA NEWS) ने पावर प्लांट लगाने के लिए जमीनें अधिग्रहण कीं। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेने के बाद केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण से अनुमोदित कराने के बाद संयंत्र की स्थापना की। पावर प्लांटों के घाटे में जाने और निर्धारित समयअवधि में उत्पादन में नहीं लाने की दो बड़ी वजह कपंनियों ने केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण में बताई है।
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पहला कोयले का नियमित तौर पर लिंकेज नहीं मिलना और दूसरा बिजली के (KORBA NEWS) लिए उनकी मांग के अनुसार खरीदार नहीं मिलने से अड़चनें आ रही है। कोरोना की वजह से लंबे समय तक काम बंद रहे अब लागत बढ़ जाने की वजह से कपंनियां दिवालिया हो गई है या तो फिर प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
इन निजी सेक्टर के प्लांटों में नहीं शुरू हुआ उत्पादन टीपीपी यूनिट मेगावाट
- अकलतरा टीपीपी 4,5,6 1800
- बिंजकोट टीपीपी 3,4 600
- लैंको अमरकंटक 3,4 1320
- सिंग्हीतराई टीपीपी 1,2 1200
- सलोरा टीपीपी 2 135
- देवरी टीपीपी 01 600