बिलासपुर। बिलासपुर IG रतनलाल डांगी (BILASPUR NEWS) ने RPF, GRP के साथ ही रेंज के सभी पुलिस पुलिस अधीक्षकों की जमकर क्लास ली। इस समन्वय बैठक में उन्होंने लॉकडाउन के बाद से बंद ऑटो प्री-पेड बूथ को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। वहीं, रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था एवं अपराधियों की धरपकड़ व पहचान करने के लिए छोटे रेलवे स्टेशनों में CCTV कैमरा लगाने के लिए कहा। उन्होंने अपराध नियंत्रण और अपराधियों पर नकेल कसने व विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए संयुक्त रूप से मॉक-ड्रील करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में रेलवे सुरक्षा आयुक्त, पुलिस अधीक्षक (रेल) तथा रेंज (BILASPUR NEWS) के सभी पुलिस अधीक्षकों ने जानकारी दी, जिसकी IG रतनलाल डांगी ने समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चाम्पा, सक्ती एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही अंतर्गत आने वाली सभी रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था एवं घटित अपराधों की रोकथाम के संबंध में विभिन्न अलग-अल दिशानिर्देश दिए। उन्होंने रेंज के जिलों के सभी छोटे स्टेशनों में भी सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने पर बल दिया। वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त को पर्याप्त संख्या में CCTV कैमरे लगवाने के निर्देश दिए। साथ ही RPF, रेल पुलिस एवं जिला पुलिस के मध्य रेलवे एवं रेलवे क्षेत्र में घटित अपराध और अपराधियों की जानकारी नियमित रूप से आपस में साझा करने के निर्देश दिए।
प्रीपेड बूथ पर दिया गया जोर
बैठक में IG डांगी ने स्टेशन में प्रीपेड बूथ (BILASPUR NEWS) को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि रेलवे स्टेशन में बाहर से आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए प्रीपेड बूथ का संचालन जरूरी है। उन्हें बताया गया कि कोरोना काल के दौरान लॉक डाउन के पहले रेलवे स्टेशन में प्री-पेड बूथ संचालित था। उन्होंने इस व्यवस्था को फिर से शुरू करने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने प्रीपेड बूथ में ऑटो जनरेटेड नंबरिंग सिस्टम लगाने और नंबर के अनुसार ऑटो-रिक्शा यात्रियों को सुलभ कराने कहा।
लावारिस वाहनों पर की जाए कार्रवाई
बैठक में इस विषय पर भी बात हुई कि, स्टेशन परिसर के आसपास के कई लावारिस वाहन खड़े रहते हैं, जो अपराधिक वारदातों में शामिल वाहन भी हो सकते हैं। इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाए। स्टेशनों के वाहन पार्किंग स्थलों पर लंबे समय से खड़े लावारिस वाहनों के विरोध नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए संबंधित जिला पुलिस से जानकारी साझा किया जाए, ताकि उसका वैधानिक निराकरण किया जा सके।