बस्तर। बस्तर के किसान ने समर्थन मूल्य पर मक्का (BASTAR NEWS) बेचने से रुचि नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि राज्य सरकार ने प्रति क्विंटल मक्का खरीदी के लिए 1962 रुपए समर्थन मूल्य निर्धारित किया है, जबकि खुले बाजार में किसानों को 2200 रुपए तक का दाम मिल रहा है।
ऐसे में पंजीकृत हजारों किसानों ने सरकार को मक्का बेचने से अपने हाथ खड़े कर रहे हैं। विगत वर्ष भी यही हाल देखने को मिला था, पांच फीसदी किसानों ने भी समर्थन मूल्य पर मक्का नहीं बेचा था, इस बार भी बाजार में अच्छी कीमत मिलने से किसान अपनी उपज को खुले बाज़ार में बेचने पर मजबूर हैं।
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इस वर्ष राज्य सरकार किसानों से 1962 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर मक्का खरीद रही है, जबकि गत वर्ष इसकी दर 1870 रुपए प्रति क्विंटल थी। किसानों का कहना है कि खुले बाजार की दर भांपने में नाकाम रही सरकार ने इस बार सिर्फ 92 रुपए दर बढ़ाकर समर्थन मूल्य तय किया है जबकि खुले बाजार (BASTAR NEWS) में उन्हें 300 से 400 रुपए अधिक मिल रहे हैं, जिससे किसान असंतुष्ट हैं।
राज्य शासन ने सुविधा में विस्तार करते हुए मक्का खरीदी के लिए सोसायटी में पंजीयन करने की व्यवस्था की है। लेकिन फसल की सही कीमत नहीं मिलने से किसानों की नाराजगी साफ तौर पर दिखाई दे रही है। वजह यह है कि केंद्र शासन ने जो समर्थन मूल्य निर्धारित किया है उससे 500 रुपए अधिक दाम खुले बाजार में किसानों को मिल रहा है। इसी वजह से किसान अपनी फसल राज्य सरकार को समर्थन मूल्य पर न बेचकर कोचियों को बेच रहे हैं, जिसका सीधा मुनाफ़ा कोचियों को मिल रहा है।
31 मई तक की जाएगी खरीदी
राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर मक्का बेचने की अंतिम तिथि 31 मई (BASTAR NEWS) तय की है। किसान अपनी फसल सोसायटियों में तय की गई तारीख तक बेच सकेंगे। बता दें कि मक्का की सरकारी खरीदी, धान खरीदी के साथ ही सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाना होता है पर संसाधनों व स्टाफ के अभाव में सहकारी समितियां धान खरीदी 31 जनवरी के बाद ही मक्का खरीदी में ध्यान देती है। बस्तर में मक्का बेचने के लिए 7915 किसानों ने पंजीयन कराया था जिसमें से महज 17 किसानों का 605 क्विंटल मक्का खरीदा गया था।