दिल्ली। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के मुताबिक दीपावली के समय बंगाल में बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान बन रहा है। पूर्वानुमान है कि झारखंड में 25 से 27 तक राज्य में फिर से बारिश हो सकती है। IMD के अनुसार चक्रवाती तूफान 25 अक्टूबर तक पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश पहुंचेगा। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव रविवार शाम को चक्रवात में तब्दील हो गया है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ होने के नजदीक
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘‘बहुत खराब” श्रेणी के नजदीक पहुंच गयी। प्रतिकूल मौसम के कारण प्रदूषकों के एकत्र होने में मदद मिली जबकि पटाखों और पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। दिल्ली में रविवार सुबह 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 259 रहा जो सात वर्षों में दिवाली से एक दिन पहले का सबसे कम एक्यूआई है।
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आज से मौसम का मिजाज बदलेगा
झारखंड में 24 अक्तूबर यानी आज से मौसम का मिजाज बदलने वाला है।आकाश में बादल छाये रह सकते हैं।बारिश का भी पूर्वानुमान है। अगर बारिश हुई, तो अधिकतम तापमान में भी गिरावट होगी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अंतर कम होने पर ठंड का एहसास ज्यादा होने लगेगा. मौसम में भी बदलाव होगा।
भारी बारिश को लेकर चेतावनी
ओडिशा से मॉनसून भले ही लौट चुका है लेकिन राज्य में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाले संभावित चक्रवात के प्रभाव से 24 और 25 अक्टूबर को भारी बारिश के आसार हैं। भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है।
इन राज्यों में भी भारी बारिश के आसार
दिवाली और गोवर्धन पूजा वाले दिन अरुणाचल प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना मौसम विभाग ने व्यक्त की है। 24 से लेकर 26 अक्टूबर के दौरान असम और मेघालय में जबकि 24-26 अक्टूबर के दौरान मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश की संभावना विभाग की ओर से जतायी गयी है।
बंगाल के तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश
मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश और उत्तरी तटीय ओडिशा में भारी बारिश होने की संभावना है। रविवार को शाम 5.30 बजे, चक्रवात पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप से 580 किमी दक्षिण में और बांग्लादेश में बारीसाल से 740 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में था। कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम केंद्र के उप महानिदेशक संजीव बंदोपाध्याय ने कहा कि यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में फैले सुंदरबन को मुख्य रूप से प्रभावित करेगा क्योंकि मौसमी दशाओं और अमावस्या के दोहरे प्रभाव के कारण ज्वार की लहरें छह मीटर की ऊंचाई तक उठने की संभावना है।