रायपुर / नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के तहत कई आदिवासी समुदायों को अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि ये प्रस्ताव कई वर्षों से लंबित हैं।
भैयाजी ये भी देखें : छत्तीसगढ़ में महंगी हुई बिजली, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर फोड़ा…
उन्होंने कहा कि मूल रूप से वर्तनी की त्रुटियों और कई समुदायों के समान लगने वाले नामों के कारण, इन्हें बहुत लंबे समय तक एसटी श्रेणी में नहीं लाया जा सका।
कैबिनेट ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करके तमिलनाडु के कुरीविक्करन समुदाय को अनुसूचित जनजाति वर्ग के तहत शामिल करने के मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
इसी तरह, इसने कर्नाटक के कडू कुरुबा के पर्याय के रूप में बेट्टा-कुरुबा समुदाय को एसटी का दर्जा दिया। यह भी संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन के लिए संसद में एक विधेयक पेश करके किया जाएगा।
भैयाजी ये भी देखें : रायपुर IG बद्रीनारायण ने ली बैठक, देखी रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज…
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में गोंड, इसकी पांच उपजातियों के साथ, उत्तर प्रदेश की एसटी सूची में शामिल थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र को आदिवासी का दर्जा भी दिया। निर्णय क्षेत्र के चार ब्लॉकों में हट्टी समुदाय को शामिल करने का प्रतीक है।