नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी और उन सभी प्रतिष्ठित लोगों को श्रद्धांजलि की, जिन्होंने अन्याय के खिलाफ और देश के आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए दांडी तक मार्च किया था। प्रधानमंत्री ने 2019 का अपना भाषण भी साझा किया, जो उन्होंने राष्ट्र को राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक समर्पित करते समय दिया था।
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एक ट्वीट के माध्यम से प्रधानमंत्री ने कहा, “गांधी जी और उन सभी महान लोगों को श्रद्धांजलि, जिन्होंने अन्याय के विरोध और राष्ट्र के आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए दांडी के लिए मार्च किया था। मैं 2019 का अपना भाषण साझा कर रहा हूं, जब दांडी में राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया गया था।”
ग़ौरतलब है कि दांडी मार्च जिसे लबण सत्याग्रह, नमक मार्च और दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है, महात्मा गांधी के नेतृत्व में औपनिवेशिक भारत में अहिंसक सविनय अवज्ञा का एक कार्य था। चौबीस दिवसीय मार्च 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान के रूप में चला।
इस मार्च का एक अन्य कारण यह था कि सविनय अवज्ञा आंदोलन को एक मजबूत उद्घाटन की आवश्यकता थी जो अधिक लोगों को गांधी के उदाहरण का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करे। गांधी ने इस मार्च की शुरुआत अपने 78 भरोसेमंद स्वयंसेवकों के साथ की थी। मार्च 240 मील (390 किमी), साबरमती आश्रम से दांडी तक फैला, जिसे उस समय (अब गुजरात राज्य में) नवसारी कहा जाता था।
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रास्ते में भारतीयों की बढ़ती संख्या उनके साथ जुड़ गई। जब गांधी ने 6 अप्रैल 1930 को सुबह 8:30 बजे ब्रिटिश राज नमक कानूनों को तोड़ा, तो इसने लाखों भारतीयों द्वारा नमक कानूनों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सविनय अवज्ञा के कृत्यों को जन्म दिया।
Tributes to Gandhi Ji and all those greats who marched to Dandi in order to protest injustice and protect our nation’s self-esteem.
Sharing my speech from 2019 when the National Salt Satyagraha Memorial in Dandi was dedicated to the nation. https://t.co/x6fd40R35C
— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2022