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किसानों को जमीन का 3 साल में नहीं मिला मुआवजा, ठंड में रात को सड़क पर धरना दे रहे किसान

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रायपुर। दिल्ली में किसान आंदोलन की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ (RAIPUR NEWS) में भी आंदोलन शुरू हो गया है। नवा रायपुर प्रभावित सैकड़ों किसानों ने कड़कड़ाती ठंड में सड़क पर डेरा डाल दिया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि नया रायपुर के निर्माण में जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, उनको बचा हुआ मुआवजा दिया जाए। अधिग्रहण के समय सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाए।

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12 दौर की चर्चा हुई

नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया कि मांगों के संबंध में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन भाजपा और वर्तमान कांग्रेस सरकार के साथ अब तक 12 दौर की चर्चा हुई है और उसमें किसानों के पक्ष में निर्णय भी लिए जा चुके हैं लेकिन उनका पालन नहीं किया जा रहा है। चंद्राकर (RAIPUR NEWS) ने बताया कि प्रशासन धारा 144 का हवाला देकर धरने को खत्म करने का दबाव बना रही है। रात को पुलिस अधिकारी दल-बल के साथ पहुंचे थे। लेकिन आंदोलनकारियों ने कहा कि अगर नियम का उल्लंघन हो रहा है, तो सभी को जेल में बंद कर दीजिए। कोई किसान धरना छोड़कर नहीं जाएगा।

टेंट लगाकर बैठे प्रदर्शनकारी

किसानों के धरने में दिल्ली की तर्ज पर खाना-पीना, दूध का इंतजाम किया जा रहा है। किसान अपने घरों से सामान लेकर पहुंच रहे हैं। तीन जनवरी को राजधानी प्रभावित ग्रामों के हजारों किसानों व ग्रामीणों ने अपने लंबित मांगों के लिए आंदोलन का शंखनाद किया था। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के कार्यालय के सामने ही टेंट लगाकर रात-दिन का अनिश्चितकालीन धरना जारी है।

वादे से मुकर रही सरकार

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही (RAIPUR NEWS)  ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने के बाद मुआवजा और पुनर्वास पैकेज पर विचार किया जाएगा, लेकिन अब तक नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट भूखंड दिया जाए। साल 2005 से भूमि क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए। गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यावसायिक परिसर में दुकान प्रभावितों को देने का प्रविधान है, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जा रहा है।