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अब जेहाद को लेकर गुलाम नबी आजाद आए चर्चा में, जानें किसके खिलाफ होगा ये जेहाद

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दिल्ली। कांग्रेस के विद्रोही नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) काफी लंबे समय बाद एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वह जेहाद को को लेकर चर्चा में हैं।

उन्होंने दो चीजों के खिलाफ जेहाद की हिमायत की है और तमाम रैलियों के बीच यह कहा है कि उनका जम्मू कश्मीर में नई पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि राजनीति में भविष्य के बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। गुलाम नबी आजाद पिछले काफी समय से जम्मू कश्मीर में जिस तरह की रैलियों को संबोधित कर रहे हैं उससे यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि वह नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच आजाद के कुछ करीबियों ने कांग्रेस के पदों से इस्तीफे भी दिए जिससे इस संभावना को बल मिला।

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समीक्षा करने के लिए कर रहे रैलियां

आजाद (Ghulam Nabi Azad) का कहना है कि रैलियां जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे और राज्य के रूप में अस्तित्व को लेकर आए राजनीतिक अवरोध की स्थितियों की समीक्षा करने के लिए कर रहे हैं। हालांकि वह कहते हैं कि उनका नई पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है लेकिन साथ ही यह भी कहते हैं कि राजनीति में आगे क्या होगा इसके बारे में भी कुछ नहीं कहा जा सकता जैसे कि कोई इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता कि वह कब मरेगा। गुलाम नबी आजाद का कहना है कि आज राजनीति में आलोचना के लिए कोई जगह नहीं है।

कोई नेतृत्व की आलोचना नहीं कर सकता है। वह कहते हैं कि शायद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने उन्हें कुछ ज्यादा स्वतंत्रता दी थी सवाल उठाने की। जब-जब चीजें गलत होती थीं तब तब वह आलोचना करने में संकोच नहीं करते थे। वह इसे नेतृत्व की मुखाल्फत के रूप में नहीं लेते। आज जो नेतृत्व है वह इसे आक्रामक रूप से देखता है। वह इंदिरा गांधी का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि वह कहती थी कि इसे जारी रखना चाहिए जब वह उनके द्वारा कुछ लोगों को यूथ कांग्रेस में नियुक्त करने के लिए सिफारिश करती थी और वह मना कर देते थे, तब वह बुरा नहीं मानती थीं।

आलोचना सुनने को तैयार नहीं

गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) लासा करते हैं कि, कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व अपनी आलोचना सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि वास्तविक जेहाद गरीबी और बेरोजगारी से लड़ना है ना कि नेतृत्व के खिलाफ पार्टी के खिलाफ या किसी धर्म के खिलाफ। उन्होंने दोहराया कि जम्मू और कश्मीर की राज्य के रूप में बहाली विधानसभा चुनाव से पहले होनी चाहिए, ब्यूरोक्रेसी जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ नहीं है। देश की जनता आवश्यक वस्तुओं की मूल्य वृद्धि से जूझ रही है और कांग्रेस इसके खिलाफ संसद और संसद के बाहर संघर्ष कर रही है। उन्होंने कहा कि जिहाद किस धर्म के विरुद्ध संघर्ष करना नहीं है वास्तविक जेहाद गरीबी और बेरोजगारी को हटाना है जो हमारे सबसे बड़े शत्रु हैं। ना की किसी दल या किसी नेता के खिलाफ जंग छेड़ना।