रायपुर। छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण तथा विपणन के क्षेत्र में एक माडल राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है। इस तारतम्य में भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किए जा रहे कार्यो के लिए 9 विभिन्न उपवर्गो तथा अन्य कार्यो के लिए 02 उपवर्गो सहित कुल 11 पुरस्कारों से छत्तीसगढ़ को विगत 6 अगस्त को वर्चुअल रूप से पुरस्कृत किया था।
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केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुण्डा द्वारा छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान आज मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में आदिम जाति कल्याण, सहकारिता तथा स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम को उक्त पुरस्कार के तहत ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में लघु वनोपजों के संग्रहण तथा प्रसंस्करण आदि के क्षेत्र में हो रहे उल्लेखनीय कार्य की सराहना की और देश में छत्तीसगढ़ को प्राप्त सर्वोधिक 11 पुरस्कारों के लिए अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
वनोपजों का संग्रहण आय का साधन-मुण्डा
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री मुण्डा ने कहा कि वनांचल में निवासरत आदिवासी-वनवासी लोगों की आय के लिए लघु वनोपजों का संग्रहण एक महत्वपूर्ण साधन होता है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ में बेहतर ढंग से कार्य करते हुए लघु वनोपजों को और अधिक मूल्यवान बना दिया गया है तथा यहां के लघु वनोपज संग्राहकों को इसका अधिक से अधिक लाभ दिलाया जा रहा है, यह सराहनीय है।
आदिवासी-वनवासियों के हित में फैसले
कार्यक्रम को आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ.टेकाम ने सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा आदिवासी-वनवासियों के हित में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं,
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जो इनके जीवन में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ अब लघु वनोपजों के संग्रहण के मामले में देश का अव्वल राज्य बन गया है।