वेबडेस्क। एक अक्टूबर यानी आज से विभिन्न टैक्स एरिया में बड़े बदलाव हुए है। अब इन नए नियमों के मुताबिक़ विदेश में पैसे भेजने पर भी TCS टैक्स लगा दिया है। आज से अगर कोई भी भारतीय विदेश में पढ़ रहे अपने बच्चे, किसी रिश्तेदार की आर्थिक मदद करता है, तो इस रकम का 5 फीसदी टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) का भुगतान करेगा। इसके लिए भारत सरकार ने फाइनेंस एक्ट, 2020 के तहत प्रावधान किए है।
इस एक्ट के तहत “रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश पैसे भेजने वाले व्यक्ति को TCS देना होगा। LRS के नियमों के तहत कोई भी भारतीय 2.5 लाख डॉलर सालाना तक विदेश भेज सकता है, जिस पर कोई टैक्स नहीं लगता था। अब इसी रकम को टैक्स के दायरे में लाने के लिए TCS लागू किया गया है।
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (TCS) को लेकर नया नियम जारी किया है। नए नियम के मुताबिक, किसी भी ई-कॉमर्स ऑपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि वह एक अक्टूबर से गुड्स और सर्विस सेल पर एक फीसदी का टीसीएस काटे। वित्त अधिनियम 2020 (The Finance Act, 2020) में इनकम टैक्स कानून 1961 में एक नई धारा 194-ओ जोड़ी गई है।
इसके तहत ई- कॉमर्स ऑपरेटर को यह अधिकार दिया गया है कि एक अक्ट्रबर 2020 से उसके डिजिटल अथवा इलेक्ट्रॉनिक सुविधा अथवा प्लैटफॉर्म के जरिये होने वाले माल अथवा सेवा अथवा दोनों के कुल मूल्य पर एक फीसदी की दर से इनकम टैक्स लेना होगा।
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इन्हे मिलेगी छूट
सरकार ने टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (TCS) के मामले में कुछ छूट भी दी है। जिसके तहत विदेश भेजे जाने वाले सभी पैसों पर यह टैक्स लागू नहीं होगा। अगर आप बच्चों की पढ़ाई के लिए 7,00,000 रुपये या इससे कम पैसे भेजते हैं तो टीसीएस नहीं लगेगा। एजुकेशन लोन 7,00,000 रुपये ज्यादा होने पर 0.5 फीसदी टीसीएस लगेगा।
इसके आलावा किसी टूर पैकेज के लिए विदेश भेजे जाने वाली रकम पर TCS लागू नहीं होगा। बता दें कि किसी भी काम के लिए विदेश भेजी जाने वाली 7,00,000 रुपये या कम रकम पर टीसीएस लागू नहीं। इस रकम से ज्यादा होने पर TCS लागू होगा।