नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने कई अहम फैसले लिए है।
मंत्रिमंडल ने बुधवार को हुई बैठक में बच्चों के हितों को सुनिश्चित करने व बाल संरक्षण व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के किशोर न्याय (देखभाल और बाल संरक्षण) विधेयक 2015 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने संशोधन में मामलों के तेजी से निपटारा सुनिश्चित करने तथा जवाबदेही बढाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट तथा अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद लेने का आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है।
#Cabinet approves amendment to the Juvenile Justice Care & Protection of Children Act, 2015
District Magistrates (DMs) along with ADMs will monitor the functions of the agencies implementing JJ Act in every district#CabinetDecisions
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— PIB India (@PIB_India) February 17, 2021
जिला मजिस्ट्रेट को अधिनियम के तहत और अधिक सशक्त बनाते हुए कानून के सुचारू क्रियान्यवन का भी अधिकार दिया गया है जिससे संकट की स्थिति में बच्चों के पक्ष में समन्वित प्रयास किए जा सकें।
केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने संशोधन में विभाग द्वारा बताया गया- सीडब्ल्यूसी सदस्यों की नियुक्ति संबंधी योग्यता मानदंडों को परिभाषित करने,
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पहले से अनिर्धारित अपराधों को ‘गंभीर अपराध’ के रूप में वर्गीकृत करने की भी बात विधेयक के प्रस्ताव में कही गयी है।कानून के विभिन्न प्रावधानों पर अमल में आने वाली दिक्कतों को भी दूर किया गया है।