नई दिल्ली। दिल्ली बार्डर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर आज एक बड़ी बैठक होने जा रही है। किसान और केंद्र सरकार के बीच आज सातवें दौर की बातचीत होने वाली है। इस बातचीत में क्या आज किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा ? या इस आंदोलन में और धार कोई लगा रहा है।
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बहरहाल सरकार और किसानों के बीच आज होने वाली बैठक में कोई ठोस समाधान निकल पाएगा की नहीं इस पर सभी कि नज़रे टिकी हुई है। किसान संगठनों के मुताबिक आज भी सरकार कानूनों को वापस लेने की बात शायद ही कहे इस लिहाज से अब आंदोलन को और तेज़ करने पर भी रणनीति तैयार की जा रही है।
नए कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप देने पर इस बैठक में आज फिर चर्चा होगी। हालांकि इस बैठक से ठीक 1 दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राजनाथ सिंह के साथ बैठक की है।
जिसमें नरेंद्र तोमर ने राजनाथ से भी किसानों के मसले पर कोई बीच का रास्ता सुझाने और संभावित विकल्पों पर चर्चा की है।
किसान आंदोलन होगा और तेज़
इधर किसानों ने यह चेतावनी दी रखी है कि यदि सरकार तीनों कृषि कानून वापस लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की मांगों पर नहीं मानती तो 4 जनवरी यानी आज बैठक के बाद से आंदोलन और तेज होंगे।
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इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी रविवार को कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है। जिसे अन्नदाता ओं को पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है। सोनिया ने भी कृषि कानून को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की वकालत की है।