हरियाणा /कृषि कानून को लेकर पुरे देश के किसान आंदोलनरत है। दिल्ली पंजाब और हरियाणा में किसानों ने अपनी सभी मांगो को लेकर लगातार धरने में बैठे हैं। शुक्रवार को 700 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में करीब 50 हजार किसान-मजदूर अमृतसर से दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। जिसके चलते हाई वे जाम हो गया है। जिसके चलते केंद्र सरकार बार बार किसानो से बातचीत कर उचित हल निकालने में जोर दे रही है।
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ज्ञात हो कि कृषि कानून के विरोध में किसान नेताओं ने बीते दिनों बैठक में 15 मांगें रखी थी, जिनमें से सरकार 12 मांगें मानने को तैयार है। ऐसे में किसानों को लगता है कि ये तीनों कृषि कानून पूरी तरह सही नहीं हैं। इसी के चलते अब किसान अपना आंदोलन बढ़ाने जा रहे हैं। काफिले का नेतृत्व कर रहे किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रमुख सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हम छह महीने के लिए राशन और सामान लेकर दिल्ली जा रहे हैं और हम दिल्ली को जीतने के बाद ही लौटेंगे।
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किसानों का ट्रेनें रोकने का कोई प्रोग्राम
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के चीफ बलबीर एस राजेवाल का कहना है कि किसानों का ट्रेनें रोकने का कोई प्रोग्राम नहीं है।
रेल रोकने का हमारा कोई प्रोग्राम नहीं है। लगातार किसानों की संख्या बढ़ रही है, अब ये सिर्फ किसान आंदोलन नहीं रहा जन आंदोलन बन गया है: सिंघु बॉर्डर से किसान नेता #FarmersProtest #FarmLaws pic.twitter.com/s9MaOOIGCP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2020
दूसरी ओर माना जा रहा है कि सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेगी। सरकार ने किसानों के सामने कृषि कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। ऐसे में किसानों ने दिल्ली घेरने का मन बना लिया है। किसानों ने ऐलान कर दिया है कि किसान अब दिल्ली को और ज्यादा घेरने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए किसानों ने आगरा-दिल्ली रोड और जयपुर-दिल्ली रोड को बंद करने की चेतावनी दी है। किसान 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री करवा सकते हैं।
सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा, सरकार कानून वापस ले और किसान अपने घर चला जाएगा: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmersProtests pic.twitter.com/eStJpf2ZD6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2020