नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन (Farmer Protest) को लेकर एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने किसानों और आमजन से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल को सुनने की अपील की है। पीएम मोदी ने इन दोनों मंत्रियों की एक प्रेसवार्ता का वीडियो अपने ट्वीटर एकाउंट पर शेयर कर ये अपील की।
भैयाजी ये भी पढ़े : हाईकोर्ट ने किया न्यायधीशों का तबादला, जानिए किन्हें किस जिले की मिली जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि “मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें।”
ग़ौरतलब है कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता ली थी। जिसमें दोनों नेताओं ने किसान नेताओं से आंदोलन (Farmer Protest) खत्म कर सरकार से बातचीत जारी रखने की अपील की थी।
मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें-https://t.co/B9GwPf5i3K
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2020
Farmer Protest पर ये था सुझाव
नये कृषि कानूनों केंद्र सरकार की तरफ से दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने ये स्पष्ट किया था कि “किसानों से जुड़े मसलों का हल वार्ता के माध्यम से ही निकलेगा, इसलिए किसान यूनियनों को सरकार द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर विचार कर फिर बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। तोमर ने कहा कि किसानों (Farmer Protest) की हर समस्या के समाधान के लिए सरकार तैयार है।”
खेती-किसानी को बढ़ावा देने कर रहे काम
तोमर ने कहा कि मोदी सरकार कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश खेत तक पहुंचाने और खेती-किसानी को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है, और नए कृषि कानून के लागू होने से देश के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए पहले से मौजूद मंडियों के अलावा अन्य विकल्प भी मिलेंगे।
वहीं कांट्रैक्ट फार्मिग से जुड़े कानून से किसान महंगी फसलों की खेती करने के प्रति उत्साहित होंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने के को लेकर प्रतिबद्ध है।
किसान बोले – कोई नया प्रस्ताव लाए तो बातचीत
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार वही बात दोहरा रही है जिसकी चर्चा पूर्व में केंद्रीय मंत्रियों के साथ विज्ञान-भवन में आयोजित बैठक के दौरान हुई थी।
उनका कहना है कि अगर सरकार कोई नया प्रस्ताव लाए तो बातचीत हो सकती है। नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर में किसान 26 नवंबर से डंटे हुए हैं।