spot_img

किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रेड यूनियन, प्रदेश भर में प्रदर्शन, फूंका पीएम का पुतला

HomeCHHATTISGARHकिसान आंदोलन के समर्थन में ट्रेड यूनियन, प्रदेश भर में प्रदर्शन, फूंका पीएम...
रायपुर। ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर किसानों (Farmer) के समर्थन में इंटक, एटक, सीटू, एच एम एस, एक्टू, बैंक, बीमा, राज्य केंद्र कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाई है। सभी ने एक स्वर में किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रदेश भर में जबरदस्त प्रदर्शन किया।
रायपुर में कर्मचारी भवन, सप्रे स्कूल के समक्ष प्रदर्शन के बाद अदानी, अम्बानी व मोदी सरकार का पुतला जला कर अपना विरोध जताया है। प्रदर्शन से पहले यहां हुई सभा को सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र, इंटक अध्यक्ष संजय सिंह, तृतीय वर्ग शा़ कर्म संघ के अध्यक्ष राकेश साहू, समेत तमाम कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया।
अपने संबोधन में सभी नेताओं ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों (Farmer) के साथ क्रूर तरीके से पेश आई केंद्र सरकार, हरियाणा और यूपी सरकार की कडी़ निंदा करते है। ये सरकारें किसानों के न्यायपूर्ण संघर्ष को दबाने की कोशिश कर रही हैं। इन नेताओ ने कहा कि ये सरकारें भूल रही हैं कि किसान, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
इस देश में किसानों (Farmer) का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी संघों ने निर्णय लिया था कि 26-27 नवंबर को “दिल्ली चलो” कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। वे बिना किसी चर्चा के संसद में जल्दबाजी में पारित किये गये तीन कृषि बलों का विरोध कर रहे हैं। वे सरकारी दमन और भारी भीषण शीतलहर की स्थिति के बीच वाटर कैननिंग, खडी़ की गयी अनेक बाधाएं, पुलिस बैरिकेड्स और राष्ट्रीय राजमार्गों की सरकार द्वारा की गयी खुदाई की बाधाओं को पार कर दिल्ली के बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की दमनकारी ये बाधाएं हमारे किसानों के साथ एक ‘युद्ध’ छेड़ने के जैसी हैं। दिल्ली के आसपास, दसियों लाख किसान दमन और बाधाओं को पारकर सफलतापूर्वक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहुंचे है। इस भारी विरोध कार्रवाइयों के बीच किसानों के दृढ़ संकल्प और साहस को हम सलाम करते हैं और केन्द्र सरकार से प्रतिगामी और किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग करते हैं। किसान तीन कृषि कानूनों के साथ साथ बिजली (संशोधन) अधिनियम पर भी  पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।
नेताओं ने कहा कि किसानों (Farmer) की मांगों को सरकार को स्वीकार कर लेना चाहिए। किसानों का यह आंदोलन न केवल भारतीय कृषि के हित में है बल्कि यह हमारे भोजन की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। भंडारण की सीमा हटाने का अर्थ काला बाजारियों लूट की खुली छूट देना है। किसानों का यह आमजन को लूटा जायेगा। सरकार स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप से लागू करके किसानों के साथ न्याय करे।
प्रदर्शन का नेतृत्व धर्मराज महापात्र, संजय सिंह, एस सी भट्टाचार्य, डी पी धृतलहरे, राजेश अवस्थी, अलेक्जेंडर तिर्की, के  के साहू, टी के मिश्रा, वासुदेव शुक्ला, ऋषि मिश्रा, गंगा साहू, अंजना बाबर, ज्योति पाटिल,  बी के ठाकुर, रेखा गोंडाने,रतन गोंडाने, अंजू मेश्राम, शेखर नाग, निसार अली, दिलीप साहू आदि साथी ने किया। प्रदर्शन में रंगकर्मी, कलाकार, फिल्मकार भी शामिल थे । प्रदर्शन में किसानो के 8 दिसम्बर के  भारत बंद के समर्थन का भी ऐलान किया गया।