जशपुर। जशपुर (Jashpur) प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जब मांदर भेंट किया गया तो, वे उस पर थाप देने से स्वयं को रोक नहीं सके।
इसी तरह पाषण-शंख को देखकर उन्होंने उसे बजाकर उसकी ध्वनि सुनी। अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने स्थानीय सांस्कृतिक तत्वों में खूब रुचि ली।
मुख्यमंत्री बघेल जब जशपुर (Jashpur) के नवनिर्मित पुरातत्व संग्रहालय पहुंचे तो उनका स्वागत मांदर भेंटकर किया गया। बघेल मुस्कुराते हुए मांदर पर थाप देने लगे।
संग्रहालय में रखे गए पाषाण शंख की ध्वनि सुनने के बाद उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि ये सारी चीजें हमारी विरासत हैं। यह संग्रहालय हमारी विरासतों को सहेजने का माध्यम बनेगा।
जशपुर (Jashpur) में निर्मित गढ़कलेवा के अवलोकन के दौरान उन्होंने खास तौर पर प्रदर्शित जशपुरिया-व्यंजनों में भी खासी रुचि ली। इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री का स्वागत स्थानीय जनजातीय नृत्यों, वाद्यों तथा गीतों के माध्यम से किया गया।
जशपुर (Jashpur) जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने भी मंच से अपने संबोधन के दौरान बघेल के स्वागत में उरांव गीत गाए। उन्होंने गीतों के भाव समझाते हुए कहा कि हे अतिथि आप आए हैं, तो हमारे मन को बहुत अच्छा लग रहा है। संबोधन शुरु होने से पहले श्री बघेल को जशपुरिया पगड़ी पहनाकर तथा तीर-कमान सौंपकर स्वागत किया गया।