दिल्ली। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली मंत्रिपरिषद बैठक बुधवार (28 अगस्त) को दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक करीब पांच घंटे पचास मिनट चली। इसमें आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट ने 9 राज्यों में 12 नई इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी को मंजूरी दी है।
10 राज्यों में फैली और छह प्रमुख कॉरिडोर से लगी ये 12 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में अहम छलांग साबित होंगी। सरकार नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत इन पर 28,602 करोड़ रुपए निवेश करेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, भारत में जल्द स्वर्णिम चतुर्भुज की रीढ़ पर इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी का एक भव्य हार होगा। इनसे 10 लाख प्रत्यक्ष, 30 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। इन परियोजनाओं से 1.52 लाख करोड़ रुपए की निवेश क्षमता पैदा होगी।
2027 तक प्रोजेक्ट पूरा होने की संभावना
इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से 2030 तक 2 लाख करोड़ का निर्यात हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इन प्रोजेक्ट के 2027 तक पूरा होने की संभावना है। इनमें 5 प्रोजेक्ट अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और 2 प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पास हैं।
एक-एक प्रोजेक्ट विशाखापट्टनम-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु, हैदराबाद-नागपुर और चेन्नई-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पास हैं। 12वीं स्मार्ट सिटी हरियाणा में होगी। यह कहां होगी, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले 3 महीनों में 2 लाख करोड़ के आठ इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है।