दिल्ली। भारत राष्ट्र समिति (BRS) लीडर के कविता मंगलवार (27 अगस्त) की रात करीब 9.20 बजे तिहाड़ से बाहर आईं। तिहाड़ से बाहर निकलते ही कविता ने हाथ उठाकर सभी का अभिवादन किया। इसके बाद वे सीधे अपने बेटे से गले मिलीं, इस दौरान कविता भावुक नजर आईं। बेटे के बाद वे पति और भाई से गले मिलीं।
तिहाड़ से बाहर आकर कविता ने कहा, ‘मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं। लगभग 5 महीने बाद आज अपने बेटे, भाई और पति से मिलकर मैं भावुक हो गई। इस स्थिति के लिए केवल राजनीति जिम्मेदार है। देश जानता है कि मुझे जेल में डाल दिया गया था। मैंने कोई गलती नहीं की, मैं लड़ूंगीं। कानून कायम रहेगा, कानून अपना काम करेगा। ये एक दोषपूर्ण मामला था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में कविता को जमानत दी। कोर्ट ने कहा- इस केस में जांच पूरी हो चुकी है। ट्रायल के जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है। के कविता 5 महीने से जेल में बंद हैं। महिला हैं और PMLA के सेक्शन 45 के तहत उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। इसी कोर्ट में कई आदेशों में कहा गया है कि अंडर ट्रायल कस्टडी को सजा में नहीं बदलना चाहिए।
1 जुलाई को हाईकोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका
कविता 1 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के लिए गई थीं। तब कोर्ट ने कहा था कि वो मुख्य आरोपी हैं और जांच अभी अहम मोड़ पर है। अभी जमानत नहीं दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते वक्त हाईकोर्ट के इस फैसले का भी जिक्र किया और उस पर टिप्पणी की।
तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को ED ने 15 मार्च को हैदराबाद से अरेस्ट किया था। इसके बाद CBI ने उन्हें 11 अप्रैल को कस्टडी में लिया था। दिल्ली शराब नीति केस में जमानत पाने वाली के कविता तीसरी बड़ी पॉलिटिकल लीडर हैं। उनसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और मनीष सिसोदिया को इस केस में जमानत दी है।
जमानत की शर्तें
- 10-10 लाख रुपए के बेल बांड भरने होंगे।
- सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी।
- के कविता को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा।