जम्मू। जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग होगी। 27 अगस्त को नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि थी। चुनाव आयोग के मुताबिक, सात जिलों के 24 विधानसभा क्षेत्रों में 279 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।
अनंतनाग जिले में कुल 72 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है। इसके बाद पुलवामा जिले में 55, डोडा जिले में 41, किश्तवाड़ में 32, शोपियां में 28, कुलगाम में 28, जबकि रामबन में 23 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। पहले चरण के चुनाव में 23.27 लाख से अधिक मतदाता वोट डालेंगे। जिनमें से 11.76 लाख पुरुष मतदाता और 11.51 लाख महिला मतदाता हैं, साथ ही 60 थर्ड जेंडर वोटर्स हैं। जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 3 चरणों में मतदान होंगे। नतीजे 4 अक्टूबर 2024 को आएंगे। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 है।
भाजपा: अब तक 45 कैंडिडेट के नामों का ऐलान कर चुकी
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अब तक तीन लिस्ट जारी की हैं। कुल 45 कैंडिडेट उतारे हैं। पार्टी ने 26 अगस्त को सुबह 10 बजे 44 नामों की लिस्ट जारी की थी। विरोध हुआ तो लिस्ट वापस ले ली। इसके दो घंटे बाद 15 नाम की नई लिस्ट जारी की। तीन घंटे बाद सिंगल नाम की एक और सूची आई। मंगलवार को 29 कैंडिडेट्स की तीसरी लिस्ट जारी की। इसमें सेकेंड फेज के 10 और थर्ड फेज के 19 उम्मीदवारों के नाम हैं। तीसरी लिस्ट में पार्टी ने 26 अगस्त को जारी 28 नाम रिपीट किए हैं।
कांग्रेस: अब तक 9 उम्मीदवार उतारे, सिर्फ एक लिस्ट जारी की
जम्मू-कश्मीर में NC (नेशनल कांफ्रेंस) और कांग्रेस का गठबंधन है। 90 सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI(M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं। कांग्रेस ने अब तक सिर्फ 9 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। सिर्फ एक लिस्ट जारी की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी 21 अगस्त की शाम श्रीनगर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर मीटिंग की।
2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।