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भूपेश सरकार में बने कृष्णकुंज की सुध लेना भूले जनप्रतिनिधि, अब निगम भी तैयार नहीं

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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में पेड़ो की सुरक्षा करने के लिए भूपेश सरकार ने कृष्णकुंज निर्माण करने की योजना लागू की थी। सरकार बदलते ही इस योजना की सुध अब जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी नहीं ले रहे है। पेड़ों के संरक्षण को लेकर वन विभाग ने बस्तर जिले में ऑक्सीजोन की तर्ज पर शहर के कंगोली में साल 2022-23 में कृष्ण कुंज योजना के तहत राजस्व विभाग की जमीन पर 625 पौधे लगाए थे। इसके बाद इसके विस्तार के लिए योजना बनाई थी।

सरकार बदलने के बाद यह योजना अब अधर में लटक गई है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए वन विभाग ने शुरुआत में आंध्रप्रदेश से पौधे मंगाए थे। हजारों रुपए खर्च मंगाए इन पौधों और कुंज की देखभाल करने वाले 2 गार्डों को सात महीने से मानदेय नहीं दिया गया है। जब भी ये कर्मचारी मानदेय की मांग करते हैं तो बजट नहीं होने की बात कहते जल्द देने की बात कही जाती है। कर्मचारियों ने कहा कि वे 24 घंटे इसकी पार्क की देखरेख कर रहे हैं।

कुंज में जो पौधे आज बचे हैं ये उनकी मेहनत का परिणाम है। लेकिन इस काम के बदलने उन्हें दिया जाने वाला मानदेय नहीं मिलने से उन्हें अब परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि कुंज में पौधे को सुरक्षित रखने के बाद अधिकारियों ने इस कुंज से लगी हुई करीब दो हेक्टेयर सरकारी जमीन कुंज के विस्तार के लिए अधिगृहीत की थी। इसके साथ ही कुंज के सामने मौजूद तालाब में बोटिंग करने की योजना बनाई थी जो अब तक शुरू नहीं हो पाई। जगदलपुर से करीब तीन किमी दूर बने कृष्ण कुंज की जिम्मेदारी वन विभाग ने निगम के सौंपने की योजना बनाई थी। शहर से दूर होने और अन्य कारणों को लेकर निगम इसे लेने को तैयार नहीं है।

फॉरेस्ट एसडीओ देवलाल दुग्गा ने बताया कि निगम के अधिकारियों से इसको लेकर बातचीत चल रही है। अब तक अच्छा रिस्पांस नहीं मिला है। पूर्व की कांग्रेस सरकार ने पेड़ों को संरक्षित करने यह योजना करीब दो साल पहले बनाई थी। जगदलपुर वन परिक्षेत्र में वन विभाग ने राजस्व विभाग की मदद से इस कुंज को तैयार किया था। यहां लगाए गए पौधों में से करीब 99 फीसदी अब पौधे की जगह पेड़ के रूप में तब्दील हो रहे हैं।

इस कुंज में आम, इमली, गंगा इमली, जामुन, बेर, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू, चार, अनार, गूलर, कैथा, कदम, पीपल, नीम, बरगद, बबूल, पलाश, अमरूद, सीताफल, बेल और आंवले के पौधे लगाए गए हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सालों से बरगद, पीपल और नीम और कदंब के पेड़ की पूजा होते आई है। ये पेड़ अधिक मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं। जगदलपुर। कंगोली में वन विभाग द्वारा तैयार किया गया कृष्ण कुंज।