रायपुर। सेंट्रल जीएसटी के अफसरों को दिल्ली मुख्यालय से ऐसे संदिग्ध कारोबारियों के नाम मिल गए हैं जो लंबे से समय से जीएसटी जमा नहीं कर रहे हैं। वे बार-बार कारोबार में नुकसान दिखा रहे हैं। इसके अलावा कागजों में बोगस फर्म और फर्जी बिलिंग करने वालों का भी इनपुट दिल्ली मुख्यालय से मिल गया है।
इस गोपनीय सूची में फर्म संचालकों के नाम-पते और टैक्स से संबंधित सभी तरह की जानकारी है। सूची के आधार पर ऐसे सभी कारोबारियों की जांच शुरू कर दी गई है। इनके सभी फर्मों में जल्द ही छापेमारी की तैयारी है। लगातार सरकारी छुट्टी के दौरान इसके लिए विशेष प्लान भी तैयार कर लिया गया है। जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ सेंट्रल जीएसटी की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 15 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में संदिग्ध कारोबारियों के रिटर्न की बारीकी से जांच की जा रही है।
इसके अलावा फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फायदा लेने वालों पर भी कार्रवाई की तैयारी है। पिछले साल 2023 में भी अगस्त से सितंबर तक विशेष अभियान चलाया गया था। उस समय प्रदेश में जीएसटी चोरी करने और बिना जीएसटी नंबरों के ट्रांसपोर्टिंग करने वालों पर 200 से ज्यादा मामले दर्ज कर उनसे करोड़ों का जुर्माना वसूला गया था। इस साल टारगेट तय किया गया है कि पिछले साल से ज्यादा बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्टेट में अफसरों के तबादले से खलबली
इधर, दूसरी ओर स्टेट जीएसटी कार्यालय में बड़ी संख्या में अफसरों के तबादले से विभाग में खलबली मच गई है। जिन अफसरों का ट्रांसफर किया गया है वे लंबे समय से एक ही जगह पर जमे थे। स्टेट जीएसटी के नए कमिश्नर पुष्पेंद्र मीणा नई टीम के साथ काम कर रहे हैं। विभागीय मंत्री ओपी चौधरी ने भी साफ कर दिया है कि जीरो टॉलरेंस के तहत ही अफसरों को काम करना होगा। नए अफसरों को नई जिम्मेदारी मिलने के बाद से विभाग के काम में भी तेजी आई है। लंबित मामलों की संख्या भी कम होती जा रही है। किस जिले में कितनी कार्रवाई की जा रही है इसकी मॉनिटरिंग मंत्री सीधे कर रहे हैं।