मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने का ऐलान किया है। दो दिन पहले 24 अगस्त को केंद्र सरकार न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में सुधार कर UPS लेकर आई थी। UPS एक अप्रैल 2025 से लागू होगी।
केंद्र सरकार ने कहा था कि, राज्य सरकार चाहें तो वे भी इसे अपना सकती हैं। जिसके बाद महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने रविवार (25 अगस्त) को इसकी मंजूरी दे दी। केंद्र की इस योजना को अपने राज्य में लागू करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, UPS इस साल मार्च से प्रभावी होगी और राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है और अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने की संभावना है।
न्यू पेंशन स्कीम से कैसे अलग है UPS
इस योजना के न्यू पेंशन स्कीम और ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) से किस तरह अलग होने के सवाल पर केंद्रीय सचिवालय में OSD टीवी सोमनाथन ने जवाब दिया कि UPS पूरी तरह कॉन्ट्रिब्यूटरी फंडेड स्कीम है। मतलब इसमें भी कर्मचारियों को NPS की तरह बेसिक सैलरी+DA का 10% कॉन्ट्रिब्यूट करना पड़ेगा।
जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम अनफंडेड कॉन्ट्रिब्यूटरी स्कीम थी। इसमें कर्मचारियों को किसी भी तरह का कॉन्ट्रीब्यूशन नहीं करना होता था, लेकिन NPS की तरह हमने इसे बाजार के भरोसे न छोड़कर फिक्स पेंशन की एश्योरटी दी है। UPS में OPS और NPS दोनों के लाभ शामिल हैं। NPS में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी+DA का 10% हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और सरकार 14% देती है। सरकार अब इसे बढ़ाकर 18.5 % कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। कर्मचारी के 10% हिस्से में कोई बदलाव नहीं होगा।
सोमनाथन ने बताया कि NPS के तहत 2004 से अब तक रिटायर हो चुके और अब से मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। जो पैसा उन्हें पहले मिल चुका है या वे फंड से निकाल चुके हैं, उससे एडजस्ट करने के बाद भुगतान किया जाएगा। सरकार की तरफ से कॉन्ट्रिब्यूशन 14% से 18.5% बढ़ाए जाने पर पहले साल 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। ये खर्च साल दर साल बढ़ता रहेगा।