बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के दो मुक्तिधाम पं.देवकीनंदन दीक्षित सरकंडा और मधुबन मुक्तिधाम में लगा गैस शवदाह गृह आखिरकार शुरू हो गया। तीन साल से बंद पड़े इन दोनों शवदाह गृह को निगम कमिश्नर अमित कुमार ने शुरू कराया है और इसके संचालन की जिम्मेदारी दो सामाजिक समितियों को दी गई है ताकि इस उपयोगी सुविधा का रखरखाव और संचालन सफलता पूर्वक हो सके।
सरकंडा मुक्तिधाम में लगे शवदाह गृह का संचालन जगमोहन सेवा समिति करेगी और मधुबन मुक्तिधाम के शवदाह गृह की जिम्मेदारी पंजाबी मानव सेवा समिति को सौंपी गई है। शनिवार सुबह टेस्टिंग के बाद निगम प्रशासन ने दोनों समितियों को गैस शवदाह गृह हैंडओवर किया।
संचालन के लिए रूचि रखने वाले दोनों समितियों को अलग-अलग जगहों की जिम्मेदारी दे दी गई। इस प्लांट के ज़रिए अंतिम संस्कार करने से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा और इस प्लांट में जलने वाले शव से निकलने वाला धुआं मशीन के द्वारा शुद्ध कर ऊपर आसमान में छोड़ दिया जाएगा। वहीं यह शवदाह प्लांट पूरी तरह से इको फ्रेंडली धुंआ छोड़ेगा, जिससे वातावरण भी शुद्ध रहेगा और कम लागत में अंतिम संस्कार हो सकेगा ।