भिलाई। देश का 23वां IIT भिलाई में खुलेगी। इसकी अआधार शिला आज सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रखी है। इस दौरान भूपेश ने कहा कि ” भिलाई की शान में आज एक और सितारा जड़ा है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू के विजन इस भिलाई शहर की दुनिया भर में शान, मान और अभिमान है। पंडित नेहरू द्वारा आरंभ किये गए आईआईटी की यह श्रृंखला भिलाई तक पहुंची है। भिलाई देश का तेईसवां IIT है। यह हमारा गौरव है।”
आज आईआईटी भिलाई के शैक्षणिक क्षेत्र कॉरिडोर का भूमिपूजन किया और विभिन्न भवनों की अधिरचना स्थापन कार्यक्रम और ब्रिक लेयिंग सेरेमनी में शामिल हुआ। pic.twitter.com/Ie06CqT0bB
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 2, 2020
इसके पहले मुख्यमंत्री ने सुपर स्ट्रक्चर पर ईंट रखी। इसके बाद कार्यक्रम स्थल से मुख्यमंत्री ने शिला पट्ट और थ्री-डी मॉडल का अनावरण किया। इस अवसर पर IIT के फर्स्ट फेज के डिजाइन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि IIT के माध्यम से छत्तीसगढ़ में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा, जो यहां लौह आधारित उद्योगों के लिए काफी उपयोगी होगा।
कास्ट कटिंग पर हो रिसर्च-भूपेश
सीएम भूपेश ने कहा कि हम लोग छत्तीसगढ़ में धान आधारित एथेनाल उद्योग पर काम करने वाले हैं। आईआईटी में यदि इसकी कास्ट कटिंग पर कोई रिसर्च होता है तो इस उद्योग के लिए यह काफी उपयोगी होगा।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले राज्यों के लिए आईआईटी इस तरह के रिसर्च माडल विकसित करे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईआईटी परिसर का निर्माण 2022 तक पूरा हो जाएगा और यह संस्थान हर मायने में उपयोगी होगा।
इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि नेहरू जी ने भिलाई स्टील प्लांट की सौगात हमारे प्रदेश को दी। इससे तेजी से विकास के रास्ते खुले। आईआईटी भिलाई के माध्यम से भी छत्तीसगढ़ में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
बनेंगे 18 लेक्चर हाल
आईआईटी के डायरेक्टर रजत मूना ने संस्थान की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 18 लेक्चर हाल और क्लास रूम बनाए जाएंगे।
इंजीनियरिंग और साइंस डिपार्टमेंट के साथ ही लाइब्रेरी और आईटीआईएल बिल्डिंग तथा आब्जर्वेटरी टावर भी बनाये जाएंगे। इसके साथ ही तीन हास्टल और तीन रेसीडेंशियल टावर भी बनेंगे।