रायपुर। भाजपा की केंद्र सरकार किसी ने किसी प्रकार से वंचित वर्गों का आरक्षण समाप्त करवाना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि देशभर के अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी वर्ग के लोगों को इस बात की आशंका है कि उनके आरक्षण को बाधित करने वर्ग भेद पैदा करने की कोशिश की जा रही है। कोटा में कोटा भाजपा की साजिश है। देश भर के वंचित वर्ग के लोग मुखरता से भाजपा के साजिश के विरोध में सामने आये। आरक्षण पर आंच कदापि भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक चरित्र देश विरोधी है, संविधान विरोधी है, आरक्षण विरोधी है। क्रीमी लेयर के नाम पर आरक्षण को खत्म करने की एक बार फिर से साजिश भाजपा के इशारे में रची गई है। भाजपा के बांटने और काटने की नीति के तहत ही आरक्षित तबके के भीतर वर्गीकरण करके भेद पैदा करने की साजिश है, संविधान की मूल भावना के विपरीत आरक्षण को खत्म करने का षड्यंत्र रचे जा रहे हैं।
कांग्रेस इसका विरोध करती है भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब से केंद्र में आई है तब से आरक्षित वर्ग के हितों के खिलाफ़ फ़ैसले आ रहे हैं। भाजपा की सरकार है जानबूझकर न्यायलय में आरक्षित वर्गों का पक्ष नहीं रखती है। पहले तो सरकारी उपक्रमों के अंधाधुंध निजीकरण करके आरक्षित वर्ग के युवाओं का सरकारी नौकरी का अधिकार बेच दिया गया, अब बांकी बचे अधिकारों में भी क्रीमी लेयर का भेद?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि खास तौर पर भाजपा शासित राज्य और केंद्र के द्वारा लगातार आरक्षित वर्ग के युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है। हाल ही में मोदी सरकार के द्वारा केंद्रीय सचिवालय में डायरेक्टर और अवर सचिव के पदों पर आरक्षण को दरकिनार कर लैटरल एंट्री का जो षड्यंत्र रचा था उसे कांग्रेस के दबाव में वापस लेना पड़ा।
हाल ही मे उत्तर प्रदेश में जो 69000 शिक्षकों की भर्ती के जो परिणाम आए थे उसमें 27 परसेंट ओबीसी में से केवल 4 प्रतिशत को ही नियुक्ति मिली, इसी तरह से एससी और एसटी वर्ग के साथ भाजपा सरकार ने अन्याय किया था जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निरस्त करके भाजपा सरकार के षड़यंत्र को उजागर किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी वंचित वर्गो के आरक्षण की विरोधी है उसे जब-जब अवसर मिलता है वह आरक्षण को समाप्त करने का षड़यंत्र करती है। कांग्रेस के भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के सर्व समाज के लिये उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था किया था।
इसके लिये विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक सर्व सम्मति से पारित करवाया था जिसमें अनुसूचित जाति के लिये 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिये 32 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत तथा अनारक्षित वर्ग के गरीबों के लिये 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। भाजपा ने इस आरक्षण विधेयक को 17 महीने राजभवन में रोकवा कर रखा है।
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प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन की सरकार है, आरक्षण विधेयक को राजभवन में रोके रहने का कोई कारण नहीं है। भाजपा यदि आरक्षित वर्ग को उनका हक देना चाहती तो अभी तक वंचित वर्गों को उनका आरक्षण का अधिकार मिलना शुरू हो गया होता।