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क्यों “ग्लैमर गर्ल” भी कहलाती है शतरंज की खूबसूरत खिलाडी तानिया सचदेव…

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नई दिल्ली। भारतीय शतरंज प्लेयर तानिया सचदेव आज अपना 38वां जन्मदिन मना रही हैं। तानिया एक क्लासिकल डांसर भी हैं, इसके साथ ही उनकी खूबसूरत और चाणक्य नीति के चर्च भी चारो ओर होते हैं। कुदरत ने इन सभी खूबियों से तानिया सचदेव को नवाजा है, इसलिए उन्हें भारतीय शतरंज की ग्लैमर गर्ल भी कहा जाता है।

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मगर, ध्यान रहे देखने में जो किसी मॉडल और हीरोइन से कम नहीं लगती हैं, वो उतनी ही खतरनाक तब बन जाती हैं, जब चेस टेबल पर अपने विरोधी की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देती हैं।

तानिया का आज यानि 20 अगस्त को अपना 38वां जन्मदिन मना रही हैं। ये शतरंज खिलाड़ी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, ‘ब्यूटी विद ब्रेन’, एक ऐसा वाक्यांश जो सचदेव पर सटीक बैठता है। भारतीय महिला शतरंज की क्वीन एक ऐसी भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं, जिनके पास अंतर्राष्ट्रीय मास्टर (आईएम) और महिला ग्रैंडमास्टर (डब्ल्यूजीएम) के फिडे खिताब हैं।

वो 2006 और 2007 में दो बार की भारतीय महिला शतरंज चैंपियन, 2007 में एशियाई महिला शतरंज चैंपियन हैं। 2016, 2018, और 2019 में तीन बार और वर्तमान राष्ट्रमंडल महिला शतरंज चैंपियन हैं। मौजूदा समय में वो शतरंज की बारीकियों पर बात करतीं, समझाती टीवी पर बतौर प्रेजेंटेटर-कमेंटेटर दिखती हैं तो सोशल मीडिया पर भी सक्रियता जबरदस्त है. फॉलोअर्स 1 लाख 60 हजार से ज्यादा हैं।

20 अगस्त 1986 में दिल्ली में जन्मी सचदेव को उनकी मां अंजू ने 6 साल की उम्र में इस खेल से परिचित कराया था। तानिया को एक काबिल शतरंज खिलाड़ी बनाने में उनके माता-पिता का अहम योगदान रहा। तानिया ने मात्र 8 साल की उम्र में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता था।

उन्हें शुरुआती वर्षों में के.सी.जोशी ने कोचिंग दी थी। एक बच्चे के रूप में, उन्होंने कई प्रतियोगिताएं जीतीं। उनके करियर की सफलताएं अंडर-12 भारतीय चैंपियन, 2000 में एशियाई अंडर 14 लड़कियों की चैंपियन और लड़कियों के अंडर 12 डिवीजन में 1998 विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतना शामिल हैं।

2002 में उन्होंने मारविला में एशियाई जूनियर गर्ल्स चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। 2005 में, सचदेव महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब पाने वाली आठवीं भारतीय खिलाड़ी बनीं। उन्होंने 2006 और 2007 में भारत की राष्ट्रीय महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप जीती. 2007 में उन्होंने तेहरान में नौ राउंड में से 6½ अंकों के साथ महिला एशियाई शतरंज चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया था।