बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ड्रग विभाग ने दवाइयों की आड़ में नशे का सामान बेचने वाले 5 मेडिकल स्टोर में छापेमारी की। इस दौरान एक मेडिकल स्टोर में अवैध तरीके से नशीली दवाइयां बेचने वाले मेडिकल स्टोर संचालक को गिरफ्तार किया गया। 2 मेडिकल स्टोर में नशीली दवाइयों के स्टॉक का हिसाब नहीं मिला। लिहाजा, उसकी लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, एसपी रजनेश सिंह ने जिले में नशे का सामान बेचने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने नारकोटिक्स टीम का गठन भी किया है। कुछ समय पहले पुलिस की टीम ने नशीली दवाइयां बेचने वाले युवकों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ करने के बाद पता चला कि उन्हें नशीली दवाइयां शहर के ही मेडिकल स्टोर से मिली थी, जिसके बाद उन्होंने ड्रग विभाग के साथ मिलकर मेडिकल स्टोर संचालकों पर शिकंजा कसने की योजना बनाई।
ड्रग विभाग और पुलिस ने मिलकर की छापेमारी
आरोपियों से मिले इनपुट के आधार पर मंगलवार को पुलिस ने ड्रग विभाग के साथ मिलकर शहर के पांच मेडिकल स्टोर में छापेमारी की। इस दौरान तारबाहर स्थित मिनाक्षी मेडिकल स्टोर में जांच की गई, तब पता चला कि यहां संचालक खुशी चंद गुप्ता बिना डाक्टर की पर्ची के नशीली दवाइयां बेचता है।
इसके एवज में वह ज्यादा पैसे भी वसूल करता है। यहां भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवाइयां बरामद की गई। पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
पांच दवाई दुकानों में पहुंची टीम
जांच के बाद ड्रग डिपार्टमेंट और पुलिस विभाग की टीम ने शहर के पांच मेडिकल स्टोर में छापेमारी की। जांच के दौरान कहीं से नशीली दवा तो कहीं से कोडिनयुक्त सिरप जैसे नशीली दवाईयां बरामद की गई। जांच के दौरान टीम ने मेडिकल स्टोर के स्टॉक पंजी के साथ ही नशीली दवाईयों के बिल व परची की जांच की।
इस दौरान तारबाहर के तिवारी मेडिकल स्टोर, विद्यानगर के मोहन मेडिकल स्टोर, तारबाहर के मीनाक्षी मेडिकल स्टोर और तेलीपारा के बनवाल मेडिकल एजेंसी की जांच की गई। जांच के दौरान ड्रग डिपार्टमेंट के अस्सिटेंट ड्रग कंट्रोलर रविंद्र गेंदले के निर्देश पर के इंस्पेक्टर सुनील पांडा और सोनम जैन मौजूद रहीं।