श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के बाद किश्तवाड़ में रविवार (11 अगस्त) को सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह किश्तवाड़ जिले के जंगल में आतंकियों के होने की सूचना मिली थी। सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों तरफ से कुछ देर के लिए फायरिंग हुई।
सेना, पैरामिलिट्री फोर्सेज और पुलिस नौनट्टा, नागेनी पेयास और आसपास के इलाकों में ऑपरेशन चला रही है। इलाके में और सुरक्षा बल भेज दिया गया है। आतंकियों की तलाश जारी है। एक दिन पहले शनिवार (10 अगस्त) को अनंतनाग के कोकरनाग में आतंकियों की फायरिंग से हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा शहीद हो गए थे। 3 जवान और 2 नागरिक घायल हुए थे। इनमें से एक नागरिक की आज अस्पताल में मौत हो गई। यहां भी सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है।
अनंतनाग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर मुठभेड़
सुरक्षाबलों को अनंतनाग के कोकेरनाग बेल्ट के अहलान गागरमांडू जंगल में 10,000 फीट की ऊंचाई पर आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद इलाके की घेराबंदी करके सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ था। इसी दौरान आतंकियों के एक ग्रुप ने पैरा कमांडो सहित सेना के जवानों और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ वाली जगह पर घनी झाड़ियां और बड़े-बड़े पत्थर भी हैं। यहीं पर आतंकी छिपे हुए हैं।
माना जा रहा है कि अनंतनाग मुठभेड़ में शामिल आतंकी 16 जुलाई को डोडा के मुठभेड़ में शामिल थे। वहां सुरक्षाबलों से बचने के बाद वे किश्तवाड़ जिले से अनंतनाग में घुसे हैं।डोडा में 15 जुलाई को आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन और पुलिसकर्मी समेत 5 जवान शहीद हो गए थे।
पुलिस ने चार आतंकियों के स्केच जारी किए
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर की कठुआ पुलिस ने 10 अगस्त को 4 आतंकियों के स्केच भी जारी किए थे। इन्हें आखिरी बार कठुआ जिले के मल्हार, बानी और सोजधर के ढोक में देखा गया था। पुलिस ने आतंकियों की जानकारी देने वालों को 5 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। ये आतंकी कठुआ में हुए सेना के काफिले पर हमले में शामिल हैं।
डोडा-कठुआ में 24 आतंकियों के छिपे होने के सुराग
जम्मू रीजन में मई से जुलाई में 10 आतंकी हमलों में 12 जवानों की शहादत के बाद सेना ने अब सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 7000 जवान, 8 ड्रोन, हेलिकॉप्टर्स, करीब 40 खोजी कुत्तों को लगाया गया है।
जवानों में ज्यादातर राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस के स्पेशल कमांडोज हैं। इन्हें डोडा और कठुआ जिलों की पीर पंजाल श्रेणी के जंगलों में उतारा गया है। यहां 5 लोकेशन की पहचान की गई है। सुरक्षा बलों को यहां करीब 24 आतंकियों की मौजूदगी के सुराग मिले हैं। इनमें 16 जुलाई को डोडा मुठभेड़ में शामिल आतंकी भी हैं।
लड़ाई लंबी चलेगी, खाने-पीने के सामान के साथ जवान तैनात
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक डोडा और कठुआ पांच महीने से आतंकवाद के एपिसेंटर बने हुए हैं। कठुआ के बदनोटा से डोडा के धारी गोटे और बग्गी तक करीब 250 किमी में आतंकियों के छिपे होने के सबूत मिले हैं। यहां 20 वर्ग किमी का एक बड़ा इलाका है, जहां से आतंकी आसानी से पहाड़ चढ़कर घात लगाकर हमला कर रहे हैं, इसलिए इन्हीं पहाड़ों पर जवानों को खाने-पीने के सामान व गोला बारूद के साथ तैनात किया है।