नई दिल्ली। टिकट चेकिंग स्टाफ को उपलब्ध खाली सीटों के आधार पर यात्रियों को आरक्षित कोच में चढ़ने की अनुमति देने का अधिकार है, बशर्ते कि उस श्रेणी के लिए निर्धारित न्यूनतम श्रेणी का टिकट दिखाया जाए और किराए में अंतर, यदि कोई हो, वसूला जाए। बिना टिकट और अनियमित यात्रियों के खिलाफ नियमित और औचक जांच की जाती है।
भारतीय रेलवे में चलने वाली सभी ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची की स्थिति की नियमित आधार पर निगरानी की जाती है और परिचालन व्यवहार्यता के आधार पर अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा ट्रेनों का भार बढ़ाया जाता है, विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं, नई ट्रेनें शुरू की जाती हैं, ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ाई जाती है आदि।
वैकल्पिक ट्रेन योजना जिसे विकल्प और उन्नयन के नाम से जाना जाता है, जैसी योजनाएं भी शुरू की गई हैं। विकल्प में वैकल्पिक ट्रेन में कन्फर्म टिकट उन पात्र यात्रियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने इसका विकल्प चुना है और उन्नयन योजना में यदि उच्च श्रेणी में कोई स्थान खाली है और निम्न श्रेणी में प्रतीक्षा सूची है, तो निम्न श्रेणी के प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को उच्च श्रेणी में कन्फर्म सीट प्रदान की जाती है। ऐसे कदम उठाना एक सतत और निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है।
यह जानकारी रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।