रायपुर। छत्तीसगढ़ के 70,000 से ज्यादा कारोबारियों ने पिछले 7 सालों में सेंट्रल जीएसटी में 75253.87 करोड़ का टैक्स जमा किया। यह राशि जीएसटी लागू होने के बाद से शत-प्रतिशत कारोबारियों द्वारा जमा कराई गई है। वहीं, इनपुट टैक्स क्रेडिट की चोरी करने वाले 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। साथ ही इनके पास से करीब 300 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी पकड़ी जा चुकी है। वहीं, फर्जी तरीके से आईटीसी का लाभ लेने वाले 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों ने बताया कि टैक्स चोरी पर ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। इसके चलते राजस्व में लगातार इजाफा हो रहा है। जहां वित्तीय वर्ष 2017-18 में 4763.87 रुपए का टैक्स मिला था। वहीं, 7 साल में 3 गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 15503 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है। चालू वित्तीय वर्ष के 3 महीने में रेकॉर्ड 4583 करोड़ 11 लाख रुपए का टैक्स वसूल किया जा चुका है। साथ ही टैक्स चोरी पकड़ने लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 53 वीं बैठक में करदाताओं को राहत देने के लिए 2017 से 2020 के लिए जीएसटी अधिनियम के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की गई है। इसके लिए मांगे गए पूरे टैक्स का भुगतान 31 मार्च 2025 तक करना पडे़गा। करदाताओं के ब्याज के बोझ को कम करने के लिए, रिटर्न फाइलिंग करने में विलंब करने के मामले में धारा 50 के तहत उस राशि पर ब्याज नहीं लगाने की सिफारिश की है। यह रिटर्न फाइलिंग करने की नीयत तिथि को इलेक्ट्रानिक कैश लेजर पर उपलब्ध है।
14.21% का इजाफा
सेंट्रल जीएसटी की टीम कारोबारियों द्वारा जमा कराए जा रहे टैक्स की सॉफ्टवेयर के जरिए निगरानी करने से पिछले साल की अपेक्षा इस साल 14.21 फीसदी का इजाफा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रथम तीन महीनों में जबकि पिछले साल इसी अवधि में 4012 करोड़ 77 लाख रुपए मिले थे। जबकि इसी अवधि में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान रेकॉर्ड 4583 करोड़ 11 लाख रुपए का टैक्स मिला है। यह राशि पिछले साल की अपेक्षा 570 करोड़ 11 लाख रुपए ज्यादा है।
हर महीने इतना मिला राजस्व
सेंट्रल जीएसटी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अप्रैल में 1960.43 करोड़, मई में 1194.04 करोड़ और जून में 1428.64 करोड़ का राजस्व मिला। वहीं, जुलाई में अब तक 700 करोड़ से ज्यादा का टैक्स मिल चुका है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद कुछ सालों तक इसे समझने में कारोबारियों और विभागीय अधिकारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि कुछ प्रकरणों में टैक्स को लेकर असमंजस की स्थिति को देखते हुए इसका निराकरण किया जा रहा है।
इतना राजस्व वसूला अफसरों ने
- वित्तीय वर्ष – जीएसटी कलेक्शन
- 2017-18 4763.87
- 2018-19 8950
- 2019-20 9422
- 2020-21 9627
- 2021-22 13022
- 2022-23 13966
- 2023-24 15503
- 2024-25 4583 (1 अप्रैल से 30 जून तक)