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अचानकमार टाइगर रिजर्व में दिखा काला तेंदुआ, CM, वन मंत्री ने फोटो शेयर की

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अचानकमार टाइगर रिजर्व में दुर्लभ काला तेंदुआ देखा गया है। यह खबर विश्व बाघ दिवस पर सोशल मीडिया पर छा गई, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और वन मंत्री केदार कश्यप सहित कई प्रमुख व्यक्तियों ने इसकी तस्वीरें साझा की। वन मंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए वन विभाग को बधाई दी है।

संरक्षण के प्रयासों का नतीजा

अचानकमार टाइगर रिजर्व में लगे वन विभाग के कैमरों में इस दुर्लभ तेंदुए की तस्वीरें कैद हुईं। वन मंत्री केदार कश्यप ने लिखा कि ये मेलनिस्टिक लेपर्ड (काला तेंदुआ) की तस्वीरें छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि हैं। छत्तीसगढ़ वन विभाग लंबे समय से काले तेंदुए के संरक्षण पर काम कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आज इस दुर्लभ प्रजाति का देखा जाना संभव हुआ है।

अचानकमार टाइगर रिजर्व में मिला रेयर मेलनिस्टिक लेपर्ड

मेलनिस्टिक लेपर्ड को लोग सामान्य भाषा में ब्लैक पैंथर या फिर जगुआर भी कहते हैं। ब्लैक पैंथर की संख्या भारत में काफी कम है। भारत के दो या तीन जगहों पर ही इसके देखे जाने की पुष्टि हुई है। छत्तीसगढ़ में ब्लैक पैंथर का मिलना बड़ी खुशखबरी है। अचानकमार टाइगर रिजर्व पर्यटकों का बेस्ट हॉलीडे डेस्टिनेशन है। हर साल बड़ी संख्या में देश और विदेश से पर्यटक यहां घूमने आते हैं।

काले तेंदुए की विशेषताएं

काले तेंदुए, जिन्हें ब्लैक पैंथर भी कहा जाता है, ये घने जंगलों में रहते हैं और रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई शेर के परिवार का हिस्सा हैं। इनका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा पार्डस है और ये 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। इनकी लंबाई 7 से 8 फीट तक होती है और वजन 80 से 90 किलो तक हो सकता है। यह दुर्लभ प्रजाति भारत में दांडेली वन्यजीव अभयारण्य, मानस राष्ट्रीय उद्यान, ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व और काबिनी वन्यजीव अभयारण्य जैसे कुछ स्थानों पर ही पाई जाती है।