spot_img

छत्तीसगढ़ में जलप्रलय, घर तक घुस गया मलबा और पानी

HomeCHHATTISGARHछत्तीसगढ़ में जलप्रलय, घर तक घुस गया मलबा और पानी

दंतेवाड़ा। छत्तीसढ़ के दंतेवाड़ा जिला में एनएमडीसी के किरंदुल स्थित आयरन ओर प्रोजेक्ट 11- सी में बनाए गए संक टैँक से शनिवार को मलबा और तेज रफ्तार से जलप्रवाह ने पहाड़ी की तराई में बसे बंगाली कैंप व चार नंबर वार्ड को तरबतर कर दिया। सुबह आठ बजे मूसलाधार बारिश ने इस मलबा के प्रवाह को गति दे दी। इसके बाद पूरी रफ्तार से पहाड़ी से उतरे पानी व मलबा घरों के भीतर घुसने लगा।

लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। इधर बीते तीन दिन से यहां सीआरपीएफ व प्रशासन के जो लोग सहायता पहुंचा रहे थे। उन्होंने मौके की भयावहता को समझा व करीब 250 से अधिक घरों से रहवासियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस मर्तबा भी संक टैँक का मलबा बहता हुआ तराई में बसे बंगाली कैंप व चार नंबर वार्ड व आसपास बने कच्चे-पक्के घरों में घुस आया। घुटनों तक भरे मलबा ने सामानों को खासा नुकसान पहुचाया है। समय पर सभी को घरों से बाहन निकाल लिया गया इससे किसी की जान नहीं गई।

किरंदुल इलाके में शुक्रवार की रात से बहुत अधिक बारिश हो रही है, इससे लौह अयस्क खदान का चूर्ण भी बहता हुआ बस्ती तक पहुंचने लगा। दो घंटे तक बारिश के बाद ढलान वाली सड़कों पर बोल्डर व छोटे बड़े झाड़ तक बहते नजर आ रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है 21 जुलाई की तुलना में शनिवार को और तेज बारिश हो रही है। इसने बंगाली कैम्प,राय कैम्प,मल्लाप कैम्प, बाजार, कोडेनर ग्राम पंचायत, तालाब पार, सिंगापुर कैम्प,रेलवे स्टेशन, यहां तक कि कोडेनार पटेल पारा के किसानों के खेतों में भी लोहचूर्ण घुस गया है।

कोरबा में जमकर हुई बारिश

सावन में हो रही झमाझम बारिश से कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल का उत्पादन घटकर सामान्य दिनों की तुलना में आधा हो गया है। दुनिया की दूसरी और चौथी कोयला खदान क्रमश: गेवरा और कुसमुंडा में उत्पादन संकट गहरा गया है। रूक-रूक कर हो रही तेज बारिश से खदान की सड़कें गीली हो गई हैं और कोयला लेकर भारी गाड़ियों का खदान के भीतर से आना-जाना बेहद कम हो गया है। कोल इंडिया की मेगा प्रोजेक्ट गेवरा से कोयला उत्पादन 27 जुलाई को 54 हजार 800 टन दर्ज किया गया।

डैम टूटने से सिमगा के तीन गांव जलमग्न

सिमगा ब्लॉक में दरचुरा गांव से लगा देवरीडीह डैम शुक्रवार को भरभराकर ढह गया। इससे दरचुरा समेत विश्रामपुर और गणेशपुर गांव जलमग्न हो गए। एसडीआरएफ टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पहले दिन 150 और दूसरे दिन शनिवार को भी 37 लोगों को बाहर निकाला गया है। जिनके घर पानी में डूबे हुए हैं या तबाह हो गए, उनके रहने-खाने के लिए गणेशपुर में राहत कैंप बनाया गया है।