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बारिश ने खोली स्कूलों की पोल, छत से टपकने लगा पानी

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कांकेर। बच्चों को नि:शुल्क व सर्वसुलभ शिक्षा के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है और एक बेहतर विद्यालय भवन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हर साल शाला भवनों की मरमत कराई जाती है। लेकिन छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित कोयलीबेड़ा ब्लॉक मुख्यालय में ही भवनों की स्थिति सही नहीं है तो अंदरूनी क्षेत्रों के स्कूलों का भगवान ही मालिक है।

कोयलीबेड़ा मुख्यालय में दस सरकारी स्कूल संचालित हैं। इनमें बालक प्राथमिक शाला में 18 बच्चे, बालक माध्यमिक शाला में 30 बच्चे, कन्या प्राथमिक शाला में 20 बच्चे, बाजारपारा प्राथमिक में 17 बच्चे, मण्डली पारा प्राथमिक में 12 बच्चे, माध्यमिक शाला में 77 बच्चे, आत्मानंद सेजेस में 323 बच्चे, कन्या आश्रम शाला में 115 बच्चे, कन्या माध्यमिक शाला में 56 बच्चे, हायर सेकेंडरी स्कूल में 320 बच्चे अध्ययनरत हैं।

ऐसा कोई भी भवन नहीं जहां पानी का रिसाव न होता हो। छत टपकने के कारण ही बाजारपारा और कन्या प्राथमिक शाला के बच्चे रंगमंच में पढ़ने को मजबूर हैं लेकिन वहां भी छत से पानी टपकना जारी है। ऐसे में बच्चों की शिक्षा लगातार प्रभावित हो रही है और जिम्मेदार आंख मुंदे हुए हैं। जबकि बालक प्राथमिक व बालक माध्यमिक शाला का मरमत इसी साल हुआ है। फिर भी पानी टपकना घटिया निर्माण और कमीशनखोरी नजर आता है।