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छत्‍तीसगढ़ में MBBS सीट पर प्रवेश लेना होगा मुश्किल, इस प्रक्रिया से मिलेगी राहत

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रायपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने यूजी नीट का शहर और केंद्रवार परीक्षा परिणाम जारी हो चुका है। छत्‍तीसगढ़ में विगत वर्ष की तुलना में इस बार 500 से अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या काफी बढ़ी है। 700 से अधिक अंक पाने वाले 14 विद्यार्थी हैं, जो विगत वर्ष शून्य थे। 650 से ज्यादा अंक पाने वाले विद्यार्थी भी 11 गुना बढ़े हैं।

पिछले वर्ष 650 से ज्यादा अंक पाने वाले 13 विद्यार्थी थे, जो इस बार 144 हो गए हैं। ऐसे ही 600 से अधिक पाने वाले 134 से बढ़कर 533, 550 से अधिक अंक पाने वाले 538 से बढ़कर 1,224 तथा 500 से अधिक अंक पाने 1298 से बढ़कर 2077 विद्यार्थी हो गए हैं। प्रदेश में सरकारी एमबीबीएस सीट पर प्रवेश की राह इस बार काफी मुश्किल होने वाली है। शासकीय मेडिकल कालेजों में 600 से अधिक अंक पाने वालों को ही सीट मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि नीट में कितने नंबर पर सरकारी कालेज मिलेगा, यह हर साल हर संस्थान और श्रेणी के उम्मीदवार के लिए अलग होती है। नीट यूजी के लिए कटआफ हर साल बदलती रहती है। ऐसे में नीट में कितने नंबर पर सरकारी कालेज मिलेगा, यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है।

मेडिकल कालेजों में नीट प्रवेश एआइक्यू या राज्यवार काउंसलिंग के माध्यम से उम्मीदवारों के प्राप्त अखिल भारतीय रैंक के आधार पर किया जाता है। विद्यार्थियों की प्राथमिकता शासकीय कालेज ही होते हैं, क्योंकि निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस के लिए अधिक फीस वसूल की जाती है। कई बार तो निजी संस्थानों से कोर्स करने की लागत करोड़ों में पहुंच जाती है।

43 हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किया था

प्रदेश के अंबिकापुर, बालाेद, भिलाई-दुर्ग, बीजापुर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, जगदलपुर, जांजगीर-चांपा, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, महासमुंद, मनेंद्रगढ़, नारायणपुर, रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव और सुकमा में इस बार नीट परीक्षा के केंद्र बनाए गए थे। यूजी नीट के लिए इस बार प्रदेश से करीब 43 हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें करीब 22 हजार ने क्वालीफाइड हुए हैं। राययपुर में सर्वाधिक 17 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिसमें 9,114 छात्रों ने हिस्सा लिया था।

प्रदेश में एमबीबीएस की 2,110 सीटें

प्रदेश में 2,110 एमबीबीएस की सीटें हैं। अभी तक दस शासकीय और तीन निजी कालेजों को मिलाकर 13 कालेजों में 1,910 सीटें थी। पिछले दिनों दो निजी कालेजों को मान्यता मिली है। इन कालेजों में 200 सीटें है। इस तरह 15 मेडिकल कालेजों में 2,110 सीटें हो गई हैं। वहीं, छह डेंटल कालेजों में बीडीएस की 600 सीटें हैं।