बिलासपुर। सूबे के पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय छठवां दीक्षांत समारोह में आज कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचन्दन और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिरकत की। दीक्षांत समारोह की शुरुआत कुलगीत, राजगीत एवं राष्ट्रगीत के साथ हुआ। जिसके बाद कुलपति डॉक्टर वंश गोपाल सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया।
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पंडित सुंदर लाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छात्र अपने जीवन में परोपकार की भावना को आत्मसात करें,और दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहें,यही शिक्षा का मूलमंत्र है।
आज के इस अवसर पर जिन 98 प्रतिभावान विद्यार्थियों ने 159 स्वर्ण पदक हासिल किए हैं, उन सभी को बहुत-बहुत बधाई बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। मुझे यह जानकर बड़ी प्रसन्नता होती है कि हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र यह मुक्त विश्वविद्यालय अपने अकादमिक और शैक्षणिक गतिविधियों के साथ नई नीति ऊंचाइयों को छू रहा है। दूरस्थ अंचलों में बसे ऐसे शिक्षार्थियों के लिए जो किसी कारणवश उच्च शिक्षा से वंचित रह गए हैं, या नौकरी पेशा वर्ग के ऐसे विद्यार्थी जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं, उनके लिए यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र है।
मैं खुद दूरस्थ क्षेत्र से हूँ…
सीएम साय ने कहा कि मैं स्वयं राज्य के दूरस्थ क्षेत्र जशपुर का हूं, इसलिए मैंने हमारे छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों के लोगों की कठिनाइयों को बहुत नजदीक से देखा है। मैं दूरस्थ अंचलों में बसे हमारे राज्य के लोगों की कठिनाइयों को महसूस कर सकता हूं। मुझे खुशी है कि यह विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य उच्च शिक्षा आपके द्वार के अनुरूप उच्च शिक्षा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
सर्वे भवंतु सुखिनः ध्येय वाक्य
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य सर्वे भवंतु सुखिनः के ध्येय वाक्य के साथ एक दूसरे की मदद करना है। हमारे राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किए जाने से युवाओं में तार्किक क्षमता के संवर्धन के साथ ही उनके सर्वांगीण विकास होगा। इस विश्वविद्यालय को यूजीसी के 235 विश्वविद्यालय की उस सूची में शामिल किया गया है,
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जो संयुक्त अथवा दोहरी डिग्री दे सकता है। अब यह विश्वविद्यालय विदेशी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर संयुक्त डिग्री के लिए कार्यक्रम शुरू कर सकता है यह खुशी की बात है कि हमारे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी विदेशी विश्वविद्यालय से जुड़ सकेंगे। आप सभी दीक्षित होने वाले विद्यार्थियों को शोधार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।