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चुनाव हारने की समीक्षा के बीच कांग्रेस में फूटा लेटर बम, हार का कारण इन नेताओं को बताया

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रायपुर। विधानसभा के बाद इस बार कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलनी पड़ी। 11 सीट में सिर्फ एक पर ही संतोष करना पड़ा। ऐसे में हार की समीक्षा करने के लिए आई फैक्ट फाइटिंग कमेटी की अंतिम बैठक चल रही थी।

समीक्षा बैठक के बीच राजीव भवन में गुमनाम पत्र वायरल हुआ है। इस पत्र में हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ही जिम्मेदार बताया गया है। यह पत्र को भेजने वाले ने खुद को पार्टी का समर्पित सिपाही बताया है। यह पत्र जारी करने वाले ने अपना नाम उजागर करने की बजाय खुद को पार्टी का समर्पित सिपाही बताया है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित इस पत्र में कहा है कि भूपेश बघेल के अहंकार की वजह से पार्टी की हार हुई है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में हुए घोटालों में जेल जाने के डर से कांग्रेस को हराने का षड्यंत्र रचा गया।

इस लेटर बम में भूपेश बघेल के साथ ही चरणदास महंत, मो. अकबर और ताम्रध्वज पर भी निशाना साधा गया है। इसमें लिखा है गया कि महंत ने भूपेश और डहरिया को निपटाया है। बता दें कि राजीव भवन में सोमवार को दुर्ग लोकसभा में हार पर चर्चा हुई। बैठक में PCC चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, रविंद्र चौबे, प्रत्याशी राजेंद्र साहू शामिल हुए। बैठक से यह जानकरी निकलकर सामने आ रही है कि हार की वजह बताते हुए पदाधिकारी जमकर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। इस बैठक के दौरान ही एक पत्र नेताओं के बीच लिफाफे में बांटा गया, इसके बाद हड़कंप मचा हुआ है।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए भूपेश बघेल को ही पूर्व विधायकों ने उनको जिम्मेदार ठहराया था। जिसे लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक दिल्ली भी गए थे। इसके बाद तमाम गंभीर आराेप लगे थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरजीत भगत ने यहां तक कह दिया था कि सभी अपना-अपना चलाने में ही निपट गए। इसके बाद तो जैसे कांग्रेस पार्टी में ही एक-दूसरे पर हार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आरोपों की बाढ़ आ गई थी। आज भी कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है कि क्योंकि किसी न किसी के चेहरे काे लेकर विरोधाभास की हालत है। वायरल लेटर को पीसीसी चीफ ने षडयंत्र बताया है। उन्होंने कहना है, कि पार्टी के बड़े नेताओं को बदनाम करने के लिए इस तरह से सोशल मीडिया में दुष्प्रचार किया जा रहा है।