रायपुर। राज्य मे पिछले कुछ वर्षों मे जिलों मे डीएमएफ मद से बड़ी संख्या मे निर्माण कार्य और सामाग्री क्रय किया गया है परंतु जितना व्यय शासन द्वारा किया गया है उस अनुपात मे शासन को GST नहीं मिला है। स्टेट जीएसटी मे गठित किए गए बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट के द्वारा ए आई आधारित आई टी टूल्स का प्रयोग कर ऐसे व्यवसायियों का एनालिसिस किया जा रहा है, जिनके द्वारा शासकीय सप्लाइ तो किया गया है पर जीएसटी नहीं पटाया गया है।
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वित्त मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर ऐसे मामलों में लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य मे विगत दिनों कुछ व्यवसायियों की जांच कर उनसे टैक्स जमा करवाया गया। केशकाल के भारत इन्फ्रा नाम के व्यवसायी के प्रकरण में 91 लाख रु. और रायपुर के श्री कृष्ण इंटर प्राइजेस में 2.5 करोड़ रु की कर (GST) चोरी पकड़ी गई है इसमे से 1.75 करोड़ रु.टैक्स विभाग ने वसूल कर किया है। इसी तरह का एक और मामला हार्टीकल्चर विभाग मे भी पकड़ा गया है, जिसमे शेड नेट सप्लाइ करने वाली कंपनी किसान एग्रोटेक को विभाग ने नोटिस दिया है।
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इस प्रकार की कर चोरी करने वाले व्यवसायी अक्सर अपनी टैक्स लाईबिलिटी कम दिखाने के लिए बोगस बिलों पर आई टी सी क्लेम करते हैं परंतु यह भूल जाते हैं कि अब विभाग के पास ऐसे कई आई टी टूल्स हैं, जिनके कारण इस तरह के मामलों मे बच निकलना कठिन है। राज्य कर विभाग के द्वारा लगातार व्यवसायियों कि बैठक लेकर उन्हे जागरूक भी किया जा रहा है कि कर (GST) देयता से बचने का कोई शॉर्टकट न अपनाएं। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी व्यापारियों से अपील कि है की वो ईमानदारी से अपने टैक्स का भुगतान करें।