रायपुर। गोलीकांड के बाद विवाद में आए वीआईपी रोड के क्वींस क्लब की बागडोर हाउसिंग बोर्ड ने अपने हाथ में ले ली है। क्वींस क्लब का संचालन अब बोर्ड करेगा। बोर्ड ने क्लब को अपने अंडर में लेकर उसका संचालन भी शुरु कर दिया है।
हाउसिंग बोर्ड द्वारा क्लब का संचालन करने पर क्लब के लाइफ टाइम मेम्बर्स को शंका थी, कि उन्हें पूर्व की तरह क्लब में मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलेगी। लेकिन हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने इसके लिए स्पष्ट बोला है, कि मेम्बर्स को मिलने वाली सुविधाओं में किसी तरह की कटौती नहीं होगी।
क्वींस क्लब के 150 से ज्यादा सदस्य थे
मिली जानकारी के अनुसार क्वींस क्बल प्रबंधन ने लाइफ टाइम मेम्बरशिप के नाम पर 150 से ज्यादा हाइप्रोफाइल लोगों को अपना सदस्य बनाया था। इन सदस्यों से लाइफ टाइम मेम्बरशिप के बदले ढाई लाख रुपए प्रति सदस्य चार्ज भी लिया गया था। विवाद के बाद क्वींस क्लब बंद हुआ, तो इन सदस्यों को क्लब से मिलने वाली सुविधा बंद हो गई। इस बात को लेकर पूर्व में भी क्लब के सदस्यों ने हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों से मिलकर नाराजगी जताई थी।
सरकार बदलते ही एग्रीमेंट हुआ रद्द
क्वींस क्लब काे बोर्ड ने 2008 में एमीनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के संचालक हरबक्श सिंह बत्रा को लीज पर दिया था। कई कारणों से उसे क्लब का संचालन छोड़ने के लिए नोटिस दिया गया। लेकिन हर बार पिछली सरकार के रसूखदारों ने उसे बचा लिया।
अब सरकार बदलने के बाद ही उसका एग्रीमेंट रद्द किया जा सका है। कब्जे में लेने के बाद बोर्ड के अधिकारियों ने जब वहां का निरीक्षण किया तो पता चला जिम, स्वीमिंग पूल, बैडमिंटन कोर्ट, टेनिस कोर्ट, स्नूकर टेबल, पूल टेबल, स्क्वैश, क्लब के कमरों आदि का मेंटेनेंस ही नहीं किया जा रहा था। इतना ही नहीं उस पर 33 लाख रुपए से ज्यादा का टैक्स भी बकाया है। इस टैक्स वसूली हुई या नहीं इसे लेकर भी बोर्ड के अफसर कुछ नहीं कह रहे हैं।
फरवरी में अंतिम सूचना देकर एग्रीमेंट किया रद्द
सरकार बदलने के बाद छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने 19 फरवरी 2024 एग्रीमेंट रद्द करने की अंतिम नोटिस दी। लेकिन बत्रा ने इस नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए 15 मार्च को एग्रीमेंट रद्द कर दिया गया। अपने कब्जे में लेने के बाद 6 जून से बोर्ड नए सिरे से इसका शुभारंभ कर रहा है। इस क्लब के पीछे सांसदों-विधायकों की विशेष आवासीय कॉलोनी है। क्लब की जमीन भी उसी योजना का हिस्सा है।