बलौदाबाज़ार। बलौदाबाजार जिले में सतनामी समाज के प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर ऑफिस में आग लगा दी। इसके साथ ही कलेक्टर परिसर में खड़े कई वाहनों को भी फूंक दिया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई है। इस झड़प में कई लोगों को गंभीर चोंटें आई हैं।
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अब इस उग्र हिंसा के बाद शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है। स्थिति बिगड़ने के बाद कलेक्टर केएल चौहान ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। कलेक्टर का यह आदेश 16 जून तक लागू रहेगी। इस दौरान बलौदाबाजार में रैली, जुलूस पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
बलौदाबाजार में हुए इस हिंसक प्रदर्शन मामले में पुलिस ने अब तक 80 लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रदर्शनकारियों ने कहने को तो उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई के लिए आंदोलन का आह्वान किया था, लेकिन दरअसल उनका मकसद ही आगजनी और मारपीट करना था।
घटना को लेकर जो जानकारी सामने आई है , छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के द्वारा अमर गुफा गिरीधपुरी जैतखाम मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग और साथ में पूर्व में बोडसरा, कबीरधाम और अन्य जिलों में सतनामी समाज संबंधी विभिन्न मुद्दों को लेकर दशहरा मैदान बलौदाबाजार में धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया था। प्रशासन को भी इसकी सूचना थी, जिसके बाद सुरक्षा प्रबंधन के लिए पर्याप्त सख्या में पुलिस बल लगाने के साथ मजिस्ट्रियल ड्यूटी भी लगाई गई थी।
इन्होने किया था आयोजन
आयोजनकर्ता किशोर नवरंगे भीम क्रांतिवीर अध्यक्ष, दीपक घृतलहरे प्रगतिशील सतनामी समाज, मोहन बजारे प्रगतिशील सतनामी समाज युवा प्रदेश अध्यक्ष, सुशील बजारे प्रगतिशील सतनामी समाज युवा प्रकोष्ट, जितेन्द्र नौरंगे सतनाम सेवा समिती जिला अध्यक्ष, ओमप्रकाश खुटे सतनामी समाज वरिष्ठ, भुनेश्वर डहरिया, दिनेश चतुर्वेदी भीम रेजिमेंट प्रदेश अध्यक्ष आदि के नेतृत्व में शक्ति प्रदर्शन के रूप में आसपास पैदल रैली कर संयुक्त जिला कार्यालय का घेराव किये जाने योजना थी।
सरकार ने लिया संज्ञान
बलौदाबजार में हुआ आगजनी की घटना पर छत्तीसगढ़ सरकार ने संज्ञान लिया है। सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा का कहना है कि इस तरह की घटनाएं राज्य में कहीं भी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने बलौदाबजार के साथ ही प्रदेश के लोगों से सौहार्द बनाए रखने की अपील भी की है। हालांकि, इस मामले पर छत्तीसगढ़ सरकार ऐक्शन मोड में नजर आ रही है।