सारंगढ़। सूबे के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक खेत में सालों पुरानी मूर्ति मिली है। ये मूर्ति किसान को खेत जोतने के दौरान मिली है। मूर्ति मिलने की खबर मिलने के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
ये ख़बर भी देखें : Video : मतदान प्रतिशत के आंकड़ों पर बोले भूपेश, चुनाव आयोग…
वहीं कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू के निर्देश पर तहसीलदार पूनम तिवारी ने अधीनस्थ पटवारी और ग्रामीणों की उपस्थिति में मूर्ति मिलने वाले स्थान पर पहुंचकर पंचनामा तैयार किया है। इधर कलेक्टर साहू ने जिले में पत्थर की मूर्ति प्राप्ति के संबंध में पुरातत्व विभाग रायपुर को पत्र लिखा है। ये पूरा मामला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम पंचायत गोडिहारी के खेत में ये पत्थर की मूर्ति मिली है।
गौरतलब है कि ज़मीन मालिक को दो महीने पहले ही ये मूर्ति ट्रेक्टर से खेत की जोताई करते समय मिल गई थी। उस वक्त ये मूर्ति उलटी थी, जिसकी वज़ह से इसे एक भारी भरकम पत्थर समझ कर खेत की मेड़ के रख दिया गया था। अचानक मंगलवार को स्थानीय ग्रामीणों ने इस शिला को पलटकर देखा तो मूर्ति नजर आई। जिसके बाद यह खबर सारंगढ़ अंचल सहित प्रदेश में फैल गई। अब ग्रामीण यहाँ पूजापाठ शुरू कर चुके है। वहीँ ग्रामीणों की बड़ी भीड़ भी मौके पर पहुंच रही है।
ग्रामीण बोले- मां हर मैया की मूरत
इधर इस मूर्ति की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। लेकिन गांव वालों ने यहां पूजापाठ शुरू कर दिया है। गांव वालों ने माता की चुनरी इस मूर्ति को ओढ़ा कर पूजा अर्चना की। ग्रामीणों ने बताया कि मूर्ति के मध्य में स्थित आकृति भैरों बाबा की पत्नी “मां हर मैया” की है।
ये ख़बर भी देखें : निर्वाचन ड्यूटी के दौरान गई गई थी जान, CEO ने सौपा 15 लाख की अनुग्रह राशि का चेक
इसके साथ में महिला और पुरुष दाएं बाएं हैं, वो उनके सेवक हैं। मां हर मैया का स्थान मंदिर आदि किसी राज्य, गांव आदि की सीमा पर होता है। राजा द्वारा इनको बलि दिया जाता था। साथ ही रानी इनकी सेवा गीत गाती थी। फिलहाल पुरातत्व विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की।