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PK के आंकड़ों से INDI गठबंधन खुश, यूपी में BJP का मिशन हो सकता है फेल

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दिल्ली। भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश बेहद अहम है। भाजपा ने सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। लेकिन राजनीतिक रणनीतिकार और जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर के नए दावे ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। प्रशांत किशोर यूपी तक के इंटरव्यू में कहा कि भाजपा को यहां 20 सीटों का नुकसान हो सकता है। अगर प्रशांत किशोर की यह भविष्यवाणी सच साबित हुई तो मिशन 80 को करारा झटका लगेगा।

2019 में भाजपा हारी थी 18 सीटें

प्रशांत किशोर ने कहा कि यूपी में सपा-गठबंधन को फायदा होता दिख रहा है। लेकिन उतना फायदा नहीं हो रहा है, जितना गठबंधन के नेता दावा कर रहे हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा को यूपी में 62 सीटें मिली थीं। जबकि 2014 के चुनाव में 73 सीटें मिली थीं। 2014 के मुकाबले 2019 में इसलिए सीटें कम हुईं, क्योंकि बसपा और सपा के बीच गठबंधन था।

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर कोई कह रहा है कि यूपी में भाजपा को 20 सीटों का नुकसान हो रहा है तो मैं कहूंगा कि फिर भाजपा की सीट कहां कम हुई। नुकसान कहां है? अभी उनके पास 62 सांसद हैं। मतलब यूपी में भाजपा 18 सीटों पर पहले ही हार चुकी थी। नुकसान तब होगा जब आप ये कहें कि यूपी में भाजपा की 40 से 50 सीटें कम हो रही हैं। और ये न पक्ष कह रहा है न ही विपक्ष।

प्रशांत किशोर ने कहा कि 2019 के चुनाव में यूपी और बिहार में भाजपा को करीब 25 सीटों का नुकसान हुआ था, जिसकी भरपाई उन्होंने बंगाल से कर ली थी। उन्होंने कहा कि भाजपा इस बार भी 300 के पार होगी। तीसरी बार नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे।

कल इन सीटों पर वोटिंग

यूपी में शनिवार, 25 मई को 14 सीटों पर छठे फेज के लिए मतदान होना है। प्रचार आज शुक्रवार शाम 6 बजे खत्म हो जाएगा। जिन सीटों पर वोटिंग होनी है, उनमें सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर व भदोही सीट शामिल है। इन 14 लोकसभा सीटों के लिए 162 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 146 पुरुष और 16 महिला हैं। प्रतापगढ़ में सबसे अधिक 26 उम्मीदवार तो सबसे कम छह उम्मीदवार डुमरियागंज में मैदान में हैं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 14 सीटों में 9 सीटें भाजपा ने जीती थी। जबकि चार सीट बसपा ने तो एक सीट सपा ने हासिल की थी। अखिलेश यादव ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था। आजमगढ़ को उन्होंने छोड़ दिया था। बाद में यहां हुए उपचुनाव में भाजपा ने यह सीट सपा से छीन ली थी। वर्तमान में भाजपा दस सीटों पर काबिज है।