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झीरम हत्याकांड : हाईकोर्ट में कवासी की ज़मानत याचिका हुई खारिज़

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रायपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट (High Court) में आज झीरम मामलें की सुनवाई के दौरान दो जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है। ये याचिका NIA की कोर्ट से खारिज होने के बाद बिलासपुर हाईकोर्ट में दाखिल की गई है। ऐसे में अब कवासी की मुश्किलें बढ़ी है।

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आज बिलासपुर हाईकोर्ट ने झीरमकांड में गिरफ्तार कवासी कोसा और हिड़मा की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया गया। NIA कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद कोसा ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर किया था।

ग़ौरतलब है कि 25 मई 2013 को हुए झीरम कांड में गिरफ्तार नक्सलियों में से कवासी कोसा और हिड़मा अहम लिंक है, जिनकी गिरफ्तारी हुई है।

घटना के 3 दिनों बाद ही भारी हथियारों के साथ कोसा और हिड़मा गिरफ्त में आए थे। हाईकोर्ट (High Court) जस्टिस एम एम श्रीवास्तव के डिवीजन बेंच में लगा था मामला।

High Court के बाद सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी

सुप्रीम कोर्ट ने झीरम मामले में सरकार द्वारा लगाई गई याचिका को पिछले महीने ही खारिज किया है। प्रदेश की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में झीरम घाटी नक्सल हमले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने गवाह पेश करने की अपील की थी।

इस अपील को सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है। राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि “जांच आयोग के सामने कुछ और गवाह पेश किए जाना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ (जिसमें न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और एमआर शाह भी शामिल है) ने इस मामले की सुनवाई की थी। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि “विशेष गवाह की जांच हो, लेकिन आयोग इस पर सहमत नहीं है।

आप भले ही आयोग का कार्यकाल बढ़ा सकते है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें इस मामले में अतिरिक्त गवाहों से पूछताछ करने का निर्देश देने की मांग पर हाईकोर्ट ने मना कर दिया था।”