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राईस मिलरों की लंबित मांग पर लगी मुहर, दो प्रतिशत हुआ मंडी शुल्क

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंडी शुल्क को वापस दो प्रतिशत करने का अशासकीय संकल्प पारित किया गया। इस संकल्प के माध्यम से पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लगाए जा रहे कृषक कल्याण शुल्क को भी समाप्त किया गया है। इस संबंध में विधानसभा में विधायक अजय चंद्राकर ने ये संकल्प पटल पर रखा। जिस पर विस्तृत चर्चा के बाद सदन की सहमति मिली। इस सहमति के बाद सूबे के राइस मिलर्स और किसानों को बड़ी राहत मिली है।

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छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने इस फैसले का स्वागत किया है। योगेश ने कहा कि “प्रदेश के सैकड़ों राइस मिलर्स की सालों से ये मांग लंबित रही है। पिछली सरकार ने इसे तुग़लकी फरमान ज़ारी कर बढ़ाया था, जिसे वापस लेकर विष्णुदेव जी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बड़ी राहत मिलर और किसानों को दी है।”

योगेश ने बताया कि “भाजपा सरकार में लागू 2 प्रतिशत मंडी शुल्क को बढ़ाकर 30 नवंबर 2021 से धान पर 3% मंडी शुल्क एवं 2% कृषक कल्याण कोष शुल्क लागू किया गया था। पहले इसे 5 प्रतिशत फिर 2 प्रतिशत अब फिर 5.2 प्रतिशत की वसूली मंडी शुल्क के रूप में की जा रही थी।”

उन्होंने आगे कहा कि अब विष्णुदेव जी के नेतृत्व वाली सरकार में हमने अपनी मांग उनके समक्ष रखी थी, जिस पर आज विधानसभा में अशासकीय संल्कप पारित कर उसे पुनः 2 प्रतिशत कर दिया है। वहीं कृषक कल्याण कोष शुल्क को समाप्त किया गया है।”

छत्तीसगढ़ से बढ़ेगा निर्यात

छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने आगे कहा कि “राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य का निर्यात भी बढ़ेगा। इसके साथ ही साथ देश में चांवल निर्यात के मामलें में हम अन्य राज्यों के समक्ष मज़बूती से आगे बढ़ पाएंगे। सरकार के इस फैसले के लिए मैं प्रदेश के सभी राईस मिलर्स की ओर से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक अजय चंद्राकर जी का आभार व्यक्त करता हूँ, साथ ही सभी मिलरों को बधाई देता हूँ।”