बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने निजी प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टर को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि वह निजी प्रैक्टिस करना छोड़ दें, अन्यथा उनके विरोध बहुत जल्द कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एनपीए लेकर निजी अस्पतालों में सेवा देना शासकीय के साथ-साथ नैतिक रूप से भी उचित नहीं है। शासकीय शासकीय डॉक्टर के निजी प्रेक्टिस करने के भी नियम पूर्व निर्धारित हैं। ऐसे डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग में लिखित में आवेदन देना होता है।
उन्हें अपने स्वयं के क्लीनिक अथवा घर ही में ऑफिस टाइम के बाद केवल 3 घंटे के लिए प्रैक्टिस करने का प्रावधान है । किसी भी हालत में निजी अस्पतालों में जाकर इलाज करना नहीं है।उन्होंने सीएमएचओ से ऐसे डॉक्टर की सूची मांगी है जो निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस के लिए जाते हैं। कलेक्टर ने कहा कि सरकार छोटे-बड़े सभी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है लेकिन इन सुविधाओं से ज्यादा डॉक्टर और कर्मचारियों की बीमार व्यक्ति के सेवा करने की मानसिकता ज्यादा जरूरी है ।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर गरीब लोग शासकीय अस्पताल में बड़े विश्वास के साथ इलाज करने आते हैं ।उनके विश्वास को बनाए रखने का प्रयास किया जाना चाहिए।