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Taj Mahal में प्रवेश प्रतिबंध हटाने की उठी मांग, प्रधनमंत्री को लिखा पत्र

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आगरा। ताजमहल (Taj Mahal) में रोजाना केवल 5,000 आगंतुकों को अनुमति को हटाने की मांग आगरा के महापौर ने की है। आगरा के महापौर नवीन जैन ने इस प्रतिबंध को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संस्कृति मंत्रालय को पत्र लिखा है।

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लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से खुलने के बाद ताजमहल (Taj Mahal) में गुरुवार को पहली बार दिन में 5,000 लोग पहुंचे थे। वर्ल्ड हेरिटेज वीक की शुरूआत के मौके पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने गुरुवार को आगरा में संरक्षित स्मारकों में आगंतुकों को मुफ्त में प्रवेश देने का फैसला किया था।

इधर आगरा के मेयर और ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर्स (एआईसीएम) के अध्यक्ष नवीन जैन ने कहा, “कोविड-19 लॉकडाउन के बाद सभी प्रकार के व्यवसाय, उद्योग, ट्रेन, बसों का संचालन शुरू हो गया है, लेकिन ताजमहल में आगंतुकों के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी है। यह आगरा के पर्यटन उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। आगरा में 3.5 लाख से अधिक लोग पर्यटन से आने वाले राजस्व पर निर्भर हैं।”

गौरतलब है कि गुरुवार को ताजमहल (Taj Mahal) देखने वाले पर्यटकों की संख्या 5,800 थी, जिसमें 800 बच्चे थे। 15 साल तक के बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं है। वहीं आगरा के किले में 2,500 लोग पहुंचे। जबकि कोविड काल से पहले ताज और आगरा में रोजाना औसतन क्रमश- 25,000 और 15,000 लोग पहुंचते थे।

ताजमहल (Taj Mahal) से आगंतुकों की सीमा हटे

नवीन जैन ने कहा, “आगरा ईको-सेंसिटिव ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में आता है। ऐसे में पर्यावरण प्रतिबंधों के बाद उद्योगों और व्यवसायों को संचालित करने के वैसे ही कम रास्ते बचते हैं। लोग पैसे कमाने के लिए शहर छोड़ने को मजबूर हैं।

ताजमहल से आगंतुकों की संख्या 5,000 तक सीमित करने का प्रतिबंध हटाना चाहिए। ताजमहल पर टिकटों की कालाबाजारी से पर्यटन उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था के राजस्व का नुकसान हो रहा है। ऑफलाइन टिकटिंग प्रक्रिया को बिना देरी के फिर से शुरू करना चाहिए।”