रायपुर। कोल लेवी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की निज सचिव रही सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से भी तगड़ा झटका लगा है। तक़रीबन सालभर से जेल में क़ैद सौम्या की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं बल्कि सर्वोच्च न्यायालय ने सौम्य पर एक लाख रुपया का जुर्माना भी लगाया है।
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मिली जानकारी के मुताबिक़ सौम्या चौरसिया के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में ईडी की कार्यवाही के विधिक अधिकारों को चुनौती देते हुए देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था। कोर्ट में सौम्या की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें ये कहा गया था कि “याचिकाकर्ता महिला है, और उसके छोटे बच्चे हैं। मामले की सुनवाई में लंबा समय लगना है, इसलिए उसे ज़मानत दी जाए।”
सुप्रीम कोर्ट में सौम्या की जमानत याचिका पर सुनवाई पहले ही पूरी कर ली गई थी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने आज याचिका पर अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने चौरसिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं यह देखते हुए कि उनकी विशेष अनुमति याचिका में गलत दलीलें दी गईं, पीठ ने एक लाख का असाधारण जुर्माना भी लगाया।
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बता दें कि पिछली सरकार में सौम्या चौरसिया सीएम सचिवालय में उप सचिव के पद पर पदस्थ थीं। कोल लेवी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से लगातार सेंट्रल जेल रायपुर में क़ैद है। सौम्या ने इसके पहले हाईकोर्ट में भी ज़मानत याचिका अखिल की थी, जिसे कोर्ट ने ख़ारिज किया था।