नई दिल्ली। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बताया कि पिछले तीन वर्षों और चालू वित्त वर्ष 2023-24 (अक्टूबर, 2023 तक) में देश में उत्पादित बिजली की कुल मात्रा वर्ष 2022-23 में वर्ष 2021-22 की तुलना में 8.9 प्रतिशत बढ़ गया है। इसका विवरण नीचे दिया गया है।
इसमें यह दिखाई दे रहा है कि विजली की अधिकतम मांग वर्ष 2014 में 136 मेगावाट से बढ़कर वर्ष 2023 में 243 मेगावाट हो गई है। भारत सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा एक्सचेंज में ग्रीन डे अहेड मार्केट और ग्रीन टर्म अहेड मार्केट जैसे नए उत्पाद पेश किए हैं। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं में से एक है और दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए सबसे पसंदीदा स्थान के रूप में उभरा है। सरकार ने हरित ऊर्जा गलियारों का निर्माण किया है और 13 नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र स्थापित किए हैं। वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 178000 मेगावाट है और 99000 मेगावाट की स्थापना चल रही है। इसके अलावा, नवीकरणीय क्षमता के आधार पर वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन के एकीकरण के लिए ट्रांसमिशन योजना पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है और उत्पादन परियोजनाओं से पहले ट्रांसमिशन प्रणाली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसे कार्यान्वयन के लिए प्रगतिशील रूप में लिया जा रहा है।
सरकार ने विद्युत क्षेत्र को व्यवहारिक बनाने के प्रयास किये हैं। एटीएंडसी घाटा वर्ष 2013-14 में 22.62 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2021-22 में 16.42 प्रतिशत हो गया है। जेनकोस के सभी मौजूदा भुगतान अद्यतन हैं और जेनकोस का विरासती बकाया 1.396 लाख करोड़ रुपये से 51,268 करोड़ रुपये तक कम हो गया है।