रायपुर। किसानों की साल भर की मेहनत उनके खेतों में ही सहेजकर रखी फसल के बारिश से भीगकर खराब होने का चिंता बढ़ गया है। बारिश के कारण किसानों को फसल की कटाई मिंजाई से लेकर धान को सहेजकर रखने में परेशानी होगी, वहीं दूसरी ओर सब्जियों की फसल पर भी कीट का खतरा बढ़ जाएगा। बेमौसम बारिश ने प्रदेश के किसानों के मेहनत में पानी फेर दिया है।
किसानों के खेतों में नमी आ जाने से परेशानियां बढ़ गई है। खेत खलिहानों में धान की फसल को भी नुकसान हुआ है।दलहन, तिलहन व सब्जी की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं ठंड भी ग्रामीणों की हाड़ कंपा दे रही है। ठंड में भारी बारिश से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
चक्रवात के प्रभाव से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। मंगलवार सुबह से ही रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा हुई। बदली व बारिश के साथ ही बंगाल की खाड़ी से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण दोपहर में ठिठुरन बढ़ गई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को प्रदेशभर में वर्षा के आसार हैं। बस्तर संभाग में भारी बारिश तथा दुर्ग, बिलासपुर व रायपुर संभाग में हल्की बारिश की संभावना है। मंगलवार के दिन का तापमान पिछले करीब दस वर्षों में दिसंबर में दिन के तापमान की तुलना में सबसे कम रहा।
रायपुर में सामान्य से आठ डिग्री कम रहा तापमान
सुबह से ही रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। रायपुर का अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस कम है। बिलासपुर का अधिकतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से नौ डिग्री सेल्सियस कम रहा। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आठ दिसंबर से मौसम खुलेगा। इसके बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट शुरू होगी।